मल्हार मीडिया ब्यूरो
राजस्थान में विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है सिर्फ पार्टी पॉलीटिक्स के कारण। कांग्रेस सरकार के समय जयपुर में स्थापित किया गया हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के बाद पत्रकारिता विश्वविद्यालय को बंद करने के फैसले की जानकारी संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने दी।
राठौड़ ने बताया कि बंद होने वाले पत्रकारिता विश्वविद्यालय के छात्र और शिक्षक अब राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसंचार केंद्र में समायोजित किए जाएंगे। इसके लिए राजस्थान विश्वविद्यालय को इस केंद्र को मजबूत बनाने के लिए सरकार अलग से धनराशि मुहैया कराएगी।
मौजूदा सरकार के इस फैसले पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने भाजपा सरकार को घेरा है। पायलट ने सरकार के फैसले की निंदा करते हुए इसे पत्रकारिता के विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करार दिया है। पायलट ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के माध्यम से राजस्थान में पत्रकारिता को नए आयाम मिलते। सरकार ने संकीर्ण सोच का परिचय देते हुए इसे बंद करने का फैसला किया जो गलत है। सरकार ने इसे सिर्फ कांग्रेस सरकार ने स्थापित किया है, इस सोच से ही बंद किया है।
पायलट का कहना है कि विश्वविद्यालय के अस्तित्व को बनाए रखने का मामला अभी हाई कोर्ट में विचाराधीन है। पत्रकारिता विश्वविद्यालय के बारे में अदालत का फैसला आना बाकी है। राजस्थान विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में इसे समायोजित करना तर्कपूर्ण नहीं है।
प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के दो साल में बंद होने वाला यह दूसरा विश्वविद्यालय है। इससे पहले सरकार ने अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय को भी बंद कर दिया था। इसे अब एक केंद्र के रूप में राजस्थान विश्वविद्यालय में ही चलाया जाएगा।
राजस्थान में पिछली सरकार के समय स्थापित हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय को बंद करने की चर्चा लंबे समय से थी। कांग्रेस सरकार के समय स्थापित इस विश्वविद्यालय के पहले कुलपति वरिष्ठ पत्रकार सनी सेबेस्टियन थे।
इसके सलाहकार मंडल में देश के कई वरिष्ठ पत्रकारों को शामिल किया गया था। मौजूदा सरकार ने पिछली सरकार के निर्णयों की समीक्षा के लिए एक मंत्रिमण्डलीय उपसमिति का गठन किया था और इस समिति ने अपनी सिफारिश में अम्बेडकर और पत्रकारिता विश्वविद्यालय को बंद करने की सिफारिश की थी।
इसमें से अम्बेडकर विश्वविद्यालय को बंद करने का निर्णय तो पहले ही कर लिया गया था, लेकिन पत्रकारिता विश्वविद्यालय को लेकर छात्रों का कड़ा विरोध सामने आ रहा था। अब इसे बंद कर राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग में एक केन्द्र के रूप में संचालित किया जायेगा।
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