मल्हार मीडिया ब्यूरो
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मीडिया को नसीहत देते हुए कहा कि मीडिया को जनहित के प्रहरी की तरह काम करना चाहिए। भारत में प्रेस की आजादी अभिव्यक्ति की आजादी का हिस्सा है जिसकी गारंटी संविधान में मौलिक अधिकार के रूप में दी गई है। उन्होंने कहा कि मीडिया की शक्ति का इस्तेमाल हमारी नैतिक दिशा को दुरुस्त करने और उदारवाद, मानवतावाद और सार्वजनिक जीवन में शालीनता को बढ़ावा देने के लिए करना चाहिए।
उन्होंने मीडिया को किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले सतर्कता बरतने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि विचार स्वतंत्र होते हैं, लेकिन तथ्य सही होने चाहिए। किसी निर्णय पर पहुंचने में सतर्कता बरती जानी चाहिए, खासकर उन मामलों में जहां कानूनी प्रक्रिया का पूरा होना अभी बाकी हो। हमें नहीं भूलना चाहिए कि करियर और प्रतिष्ठा बनाने में सालों लग जाते हैं, लेकिन ध्वस्त होने में चंद मिनट।’
भारतीय प्रेस परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि पत्रकारों को बुराइयों और उन वंचनाओं को सामने लाना चाहिए, जिन्होंने आज भी बड़ी संख्या में लोगों को परेशान किया हुआ है।
इतना ही नहीं उन्होंने मीडिया से सार्वजनिक हितों की निगरानी करने वाले की भूमिका निभाने और उपेक्षित लोगों की आवाज बनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भावनाओं को तर्क पर हावी नहीं होने देना चाहिए और असहमति को बहस और चर्चा से अभिव्यक्त करना चाहिए।
राष्ट्रपति ने प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण और राजेन्द्र पुरी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, ‘कार्टूनिस्ट अपने समय के मिजाज को पकड़ता है और उसकी कला ही यही है कि किसी को तकलीफ पहुंचाए बिना उस पर व्यंग्य किया जाए। कुछ ब्रश जो कर जाते हैं वह लंबे लेख नहीं कर पाते।’
राष्ट्रपति ने इस मौके पर पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए पत्रकारों और न्यूज फोटोग्राफर्स को राष्ट्रीय पुरस्कार दिए।
उन्होंने कहा, ‘इस तरह के अवॉर्ड प्रोफेशन में कड़ी मेहनत, टैलेंट और मेरिट के एवज में मिलते हैं। इन अवॉर्ड्स को पाने वालों को इनकी वैल्यू समझनी चाहिए और इनकी कद्र करनी चाहिए।’
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