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मप्र विधानसभा में बीबीसी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास,कांग्रेस बोली प्रजातंत्र का गला घोंटा गया

मीडिया            Mar 13, 2023


 मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश विधानसभा में आज बीबीसी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। विधायक शैलेंद्र जैन अशासकीय संकल्प के तहत निंदा प्रस्ताव लेकर आए थेा  

संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने प्रस्ताव का समर्थन किया, और बहुमत के आधार पर निंदा प्रस्ताव पास हो गया।

वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बारे में कहा कि देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए और देश में हलचल पैदा करने के लिए बीबीसी ने जो किया है वो उस पर भारत की जांच संस्था पहले कार्रवाई कर चुकी हैं।

उन्होंने कहा की बीबीसी ने चुनी हुई सरकार पर सवाल खड़े किए हैं और खुद ही अपने आप को जज के रूप में नियुक्त कर लिया।

शिवराज ने कहा कि ये काम ब्रिटेन की कार्यप्रणाली से भी मेल नहीं खाता है, उन्होने कहा की बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ने बेशक मुखौटा खोजी पत्रकारिता का लगा रखा है, लेकिन ये भारत की संप्रभुता पर गैर जिम्मेदार और गंभीर हमला है।

जिसका उद्देशय भारत के सविधान को कमजोर करना है. जिसके लिए मध्य प्रदेश सरकार की विधानसभा में आज एक अशासकीय निंदा प्रस्ताव पास किया गया है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन शीर्षक से दो दो पार्ट में डॉक्यूमेंट्री सीरीज बनाई है. जो साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों पर आधारित है।

भारत में इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी गई है. इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर काफी विवाद हुआ, जहां कई लोगों ने इसे लेकर बीबीसी की आलोचना की वहीं कई लोग इसके प्रतिबंध के खिलाफ भी सामने आए।

इसके बैन को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी दाखिल की गई. बीबीसी की इसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर सोमवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में अशासकीय संकल्प स्वीकार किया गया। विधायक शैलेंद्र जैन अशासकीय निंदा प्रस्ताव लाए थे।

संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए पास होने पर खुशी जताई है. बहुमत के आधार पर निंदा प्रस्ताव को पास किया गया है।

वहीं कांग्रेस ने इसकी कड़ी आलोचना की, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि सदन में भाजपा ने प्रजातंत्र का गला घोंटने का काम किया है।

प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया बीबीसी जिसकी पूरे विश्व में सम्मान से सुनी जाती है, उसके खिलाफ पत्रकारिता को दबाने का काम किया गया है और सदन में बहुमत के दम पर अपना प्रस्ताव कराया है, इसकी मैं निंदा करता हूं।

 



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