मल्हार मीडिया ब्यूरो।
केंद्र सरकार ने सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए इलेक्ट्रानिक मीडिया पर पिछले पांच सालों में 2,374 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसके अलावा, बाहरी प्रचार के लिए पिछले पांच साल में 670 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी सामने आई है सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संचार ब्यूरो से मिली है।
नौकरशाह संजीव चतुर्वेदी की ओर से दायर आरटीआइ याचिका के जवाब में बताया गया कि सरकार ने इलेक्ट्रानिक मीडिया समेत सोशल मीडिया, टेलीविजन और रेडियो पर विभिन्न सालों में अलग-अलग रकम खर्च की।
2014-15 में 470.39 करोड़ रुपये, 2015-16 में 541.99 करोड़, 2016-17 में 613.78 करोड़, 2017-18 में 474.76 करोड़ और अप्रैल 2018 से दिसंबर 2018 तक 273.54 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसलिए अप्रैल 2014 से दिसंबर 2018 के बीच इलेक्ट्रानिक मीडिया और सोशल मीडिया आदि साधनों पर कुल 2,374.45 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि यह सारी रकम ऑल इंडिया रेडियो, डीडी नेशनल, इंटरनेट, प्रोडक्शन, रेडियो, एसएमएस, मूवी थियेटर, टेलीविजन और अन्य माध्यमों पर खर्च की गई है।
यह खर्च विभिन्न सरकारी योजनाओं के अलावा रोजगार के नोटिस, टेंडरों, अन्य नोटिसों और विभिन्न विभागीय विज्ञापनों पर खर्च किए गए हैं।
यह खर्च सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न उपक्रमों, विभागों, मंत्रालयों आदि की ओर से किए गए हैं। वहीं, आउटडोर पब्लिसिटी क्या है यह स्पष्ट किए बगैर बताया गया कि 2014 और 26 नवंबर 2018 के बीच इस मद में 670 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
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