ममता यादव।
सोशल मीडिया में क्या ट्रेंड कर रहा है और कौन ट्रेंड कर रहा है इस पर अब सरकारों की भी नजर है। लेकिन यह दुखद ही नहीं शर्मनाक भी है कि हमारे देश के रियल हीरो पब्लिक प्लेस पर इग्नोर हो जाते हैं और छपरी सोशल मीडिया इन्प्लूएंसर्स के साथ जनता फोटो खिंचााने पहुंच जाती है।
फेसबुक पर इस लाईन के साथ य वाकया ट्रेंड कर रहा है,ये खबर सुनकर आपका सिर शर्म से झुक जाएगा, और शायद आप खुद पर भी शर्म महसूस करेंगे।
भारतीय हॉकी टीम के मिडफील्डर हार्दिक सिंह ने एक पॉडकास्ट में बताया कि एयरपोर्ट पर हार्दिक सिंह, मनदीप सिंह, हरमनप्रीत सिंह और 5-6 अन्य भारतीय हॉकी खिलाड़ी खड़े थे, वहीं थोड़ी दूरी पर डॉली चायवाला भी खड़ा था।
लोग डॉली चायवाला के साथ फोटो खिंचवा रहे थे, जबकि हमारे हॉकी खिलाड़ियों को कोई पहचान भी नहीं रहा था। हमारे खिलाड़ियों को इस देश में यह सब मिलता है, इसे देखकर वाकई शर्म आती है।
एक भारतीय खिलाड़ी के यह शब्द यह जताने बताने के लिए काफी हैं कि हमारे समाज की मानसिकता हो क्या गई है?
24 घंट उपलब्ध रहने वाले डाटा और स्मार्ट फोन ने लोगों को कहां से कहां पहुंचा दिया है।
इससे भी चिंताजनक बात यह है कि एक ऐसा लड़का पॉडकास्टियों ने ट्रेंड कर दिया जो माता-पिता के 90 लाख रूपए ऑनलाईन जुए में उड़ा चुका और अब जमाने भर की सहानुभूति बटोर रहा है।
आलम यह है कि सोशल मीडिया पर लोग अपनों की मौत और दुख तक को कैश करा रहे हैं। जुए-सट्टे के प्रमोशन भी इसी सोशल मीडिया और इनफलूएंसर्स की उपज है।
सरकारों का न इस ओर ध्यान है न ही इन्हें प्रतिबंधित करने की मंशा दिखती है। पर बातें नेताओं को समाज सुधार की करनी है।
अगर आज यह सब हो रहा है तो इसके पीछे एक बड़ा हाथ मीडिया का भी है। पूरे ओलंपिक में भारतीय खेल प्रतिभाओं के प्रदर्शन की इतनी खबरें नहीं दिखतीं जितनी पूरे दिन में सोशल मीडिया के इन्फ्लूएंसर्स की दिखती हैं। बाकि अल्गोरिदम का खेल ज्यादातर लोग जानते ही हैं। पर रील्स स्क्रॉलिंग ने जनता को ऐसा दीवाना बनाया है कि एक बार स्क्रॉल करना शुरू किया तो वह काम की सर्फिंग भूल इसी में पूरा दिन गुजार दे।
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