मल्हार मीडिया डेस्क।
तमाम तालीबानी पाबंदियों और फरमानों के बावजूद अफगानिस्तान की एक युवा पत्रकार इन दिनों चर्चा में है। ब्रिटेन में रह रही अफगानी जर्नलिस्ट जहरा जोया को टाइम मैग्जीन ने वीमेन ऑफ द ईयर की लिस्ट में जगह दी है।
दरअसल, प्रतिष्ठित टाइम मैग्जीन ने 'वुमन ऑफ द ईयर' लिस्ट जारी की है, जिसमें कई महिलाओं को जगह दी गई है। इन्हीं में से एक अफगानिस्तान की पत्रकार जहरा जोया का भी नाम है।
पिछले साल जब अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा किया तो ब्रिटेन की सरकार ने 29 वर्षीय जहरा को सपरिवार अपने देश में शरण दी।
फिलहाल जहरा ब्रिटेन में ही रहकर अपना काम कर रही हैं और वहीं से ही अपनी न्यूज एजेंसी चला रही हैं।
द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में तालिबान के उस समय के क्रूर शासन में बच्चियों को स्कूल जाने पर सख्त मनाही थी। पढ़ाई के लिए जोहरा स्कूल में लड़का बनकर जाती थीं। इसके लिए वह लड़कों के कपड़े पहनकर हर दिन दो घंटे पैदल चलकर स्कूल जाती थीं।
जब उन्होंने देखा कि अफगान महिलाएं किस तरह जीवन व्यतीत कर रही हैं तो उन्होंने तय किया कि वे दुनिया के सामने यहां की महिलाओं का जीवन सबके सामने रखेंगी।
अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक हजारा समुदाय के एक परिवार में जन्मीं जहरा ने कम उम्र में ही अफगानिस्तान से रिपोर्टिंग शुरू कर दी। हाल ही में जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर फिर कब्जा जमाया तो उन्हें देश छोड़ना पड़ा। आखिरकार उन्हें ब्रिटेन में शरण मिली।
ब्रिटेन आकर काम जारी रखने के लिए उन्होंने क्राउड फंडिंग भी बटोरी। फिलहाल वह लंदन के एक होटल में रहकर अपना काम करती हैं।
साल 2020 में जहरा ने अफगानिस्तान की महिला पत्रकारों के साथ मिलकर न्यूज एजेंसी शुरू की थी। उनका मकसद अफगानी महिलाओं की जिंदगी की चुनौतियों को पत्रकारिता के जरिए दुनिया के सामने लाना है।
वह तालिबानी साए में जी रहीं अफगानी महिलाओं की जिंदगी पर रिपोर्टिंग कर रही है। तालिबान के आतंक के बीच उनकी टीम ने काम जारी रखा है और अफगान में छिपकर ही रिपोर्टिंग की है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि उनकी टीम की कुछ लड़कियां अफगानिस्तान में हैं और वहीं से महिलाओं की जिंदगी से जुड़ी खबरें भेजती हैं।
जहरा की अफगानी महिलाओं की रिपोर्टिंग को लोगों ने काफी सराहा। जहरा कहती हैं कि तालिबान सरकार ने महिलाओं के पहनावे, शिक्षा आदि पर तमाम प्रतिबंध लगा दिए हैं, उनका काम और अहम हो गया है।
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