मल्हार मीडिया।
सागर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के पूर्व और वर्तमान छात्रों और विभागाध्यक्षों का एक एलुमनाई मीट दिल्ली के मध्यप्रदेश भवन में 25—26 मार्च को आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य सूत्रधार यदि वरिष्ठ पत्रकार आलोक मोहन नायक जी को कहा जाये तो अतिशंयोक्ति नहीं होगी। उन्होंने पहले व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाकर सभी को जोड़ा और जोड़ रहे हैं। भारत के कई हिस्सों में विभिन्न मीडिया संस्थानों और सरकारी विभागों में कार्यरत विश्वविद्यालय के छात्र अब संपर्क में आ रहे हैं। श्री आलोक मोहन से यह पूछने पर कि यह विचार आपके मन में कैसे आया उनका कहना था कि सागर से विश्ववद्यालय से हम लोगों ने लिया बहुत कुछ है मगर कुछ देने का दायित्व भी पूर्व छात्रों का बनता है। उन्होंने कहा कि आगे होने वाली एलुमनाई मीट सिर्फ मिलने—जुलने या मनोरंजन के लिये नहीं बल्कि कुछ ऐसी चीजें साझा की जायेंगी ऐसी योजना बनाई जायेगी कि इससे पत्रकारिता विभाग के छात्रों को भी फायदा हो और विभाग अन्य चीजों में भी समृद्ध बने। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह योजना है कि पूर्व छात्र स्वयं विभागों में जाकर वर्तमान छात्रों को अपने क्षेत्र से संबंधित जानकारी दें और उनका ज्ञानवर्द्धन करें। इसके अतिरिक्त एक उद्देश्य यह भी है कि पूर्व,वर्तमान और भविष्य के छात्र हमेशा एक—दूसरे के संपर्क में रहें।
बहरहाल आलोक जी की पहल रंग ला रही है इसकी शुरूआत दिल्ली से हो चुकी है। इस एलुमनाई मीट में डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के पूर्व विभागध्यक्ष प्रोफेसर कृष्णात्रे ने कहा कि जीवनभर में दुनिया के विभिन्न हिस्सों में घूमता रहा हूं। जो क्षमता सागर के छात्र-छात्राओं में है वह मैंने कहीं नहीं देखी है। यह बात डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के पूर्व विभागध्यक्ष प्रोफेसर कृष्णात्रे ने कही। विभाग के विद्यार्थियों का पहला मिलन समारोह दिल्ली के मप्र भवन में रखा गया था। इसमें पूर्व विभागध्यक्ष प्रो. श्याम कश्यप सहित देश दुनिया में सागर का नाम रोशन कर रही प्रतिभाएं शामिल हुईं। तय किया गया कि 25-26 नवंबर को सागर में एल्युमिनाई कार्यक्रम रखा जाएगा।
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के पूर्व छात्र-छात्राओं पहला एल्युमिनाई कार्यक्रम दिल्ली के मप्र भवन में आयोजित किया गया। यह पहला मौका था जब विभाग के स्वर्णिम काल के दौरान एचओडी रहे प्रोफेसर कृष्णात्रे एवं पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर श्याम कश्यप सहित वरिष्ठ पत्रकार शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. कृष्णात्रे ने कहा कि सागर में जो प्रतिभा और क्षमता है वह मुझे देश-दुनिया में कहीं देखने को नहीं मिली। उन्होंने यह भी कहा कि सागर विवि के पुराने गौरव को लौटाने के लिए और विभाग के लिए हर तरह से सहयोग देने के लिए तैयार हैं। पूर्व छात्र-छात्राओं ने अपने अनुभव भी साझा किए। सभी ने एक स्वर में तय किया कि हम सागर विवि को पेशकश करते हैं कि विवि प्रशासन चाहे तो वे समय-समय पर सागर आकर विवि के छात्र-छात्राओं के साथ अपने अनुभव बांट सकते हैं।
दिल्ली के कार्यक्रम में शामिल हुये श्री अखिलेश श्रीवास्तव ने अपना अनुभव साझा करते हुए ग्रुप में लिखा है कि कंक्रीट के जंगल में रहते हुए जब लंबा वक्त हो जाए और आप चाहकर भी घर ना जा पाओ तो जो टीस होती है, मां से बात किए हुए कुछ ज्यादा दिन हो जाएं तो जो टीस होती है, ठीक इसी तरह का अनुभव कल के आयोजन में शामिल होने से पहले था। लग रहा था हम ने ये पहल, पहले क्यों नहीं की। क्यों हम ने इस तरह का आत्मीय आयोजन करने में देर कर दी। क्यों हम एक परिवार होते हुए भी अब तक भटके-भटके से रहे। आलोक दादा की ये पहल इसी टीस का नतीजा सी लगती है। सब से मिलकर ऐसा लग रहा था, जैसे 15 पैसे वाला बेशकीमती पुराना पोस्टकार्ड मिल गया हो जिस पर लिखा हो असीम स्नेह, लग रहा था जैसे कोई आसमानी अंर्तदेशीय पत्र मिल गया हो जिस पर सबसे नीचे लिखा हो ढेर सारा प्यार। आगे के आयोजनों में और भी रंग जुड़ेंगे। हम अपने लोगों के लिए, अपने डिपार्टमेंट के लिए, अपने विश्वविद्यालय के लिए अब तक जो कुछ हासिल किया है, उसमें से कुछ योगदान दे पाएंगे, ऐसी हमारी आशा है। आलोक दादा के लिए सादर अभिवादन।-अखिलेश श्रीवास्तव
पत्रकारिता विभाग के पहले मिलन समारोह में प्रोफेसर कृष्णात्रे, प्रोफेसर श्याम कश्यप सहित मुकेश कुमार, आलोक मोहन नायक, विनय मिश्रा, सूर्यकांत पाठक, मनोज वर्गीस, अखिलेश श्रीवास्तव, रामनारायण श्रीवास्तव, राज पाठक, अथोवा मिथी, दीपनारायण, रितु त्रिपाठी सहित दिल्ली में काम करने वाले विभाग के पूर्व छात्र शामिल हुए। यह तय किया गया कि आगामी दिनों में भोपाल में एल्युमिनाई कार्यक्रम आयोजित होगा। इसके बाद सागर विवि के पत्रकारिता विभाग में मिलन समारोह आयोजित होगा। सागर के कार्यक्रम के लिए 25 और 26 नवंबर तारीख तय की गई है। इसकी तैयारियों के लिए भोपाल और सागर में लगातार बैठकें होंगी। आयोजन समितियों का गठन होगा।इस कार्यक्रम में करीब 500 छात्र—छात्राओं के शामिल होने की संभावना है।।
आगाज हो चुका है सागर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के पूरी दुनियां में बिखरे मोतियों को इकट्ठा करने का। उम्मीद है 25—26 नवंबर से सागर विश्वद्यालय में होने वाले कार्यक्रम से एक नई पहल होगी और यह परंपरा बनेगी। ऐसी कामना है ताकि भविष्य के छात्रों के रास्ते आसान हों।
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