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सरपंच के वायरल आॅडियो की खबर छापने वाले पत्रकार के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला हुआ दर्ज

मीडिया            Apr 24, 2017


मल्हार मीडिया सागर ब्यूरो।
मध्यप्रदेश के सागर जिले में एक सरपंच के खिलाफ खबर प्रकाशित करने वाले पत्रकार के खिलाफ ही मामला दर्ज करा दिया गया है वह भी शासकीय कार्य में बाधा डालने का। गौरतलब है कि यहां के सरपंच का एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर आया था, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पांच हजार रुपए की रिश्वत की मांग की जा रही थी। यह खबर मीडिया में चली। अब खबर को प्रकाशित करने वाले स्थानीय पत्रकार के खिलाफ पुलिस ने इसी सरपंच से आवेदन लेकर शासकीय कार्य में बाधा समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। दरअसल, इस पत्रकार ने सरपंच के साथ पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए थे।

ग्रामीण अंचल के पत्रकारों को प्रताड़ित करने के लिए झूठे मामले दर्ज किए जाने का यह पहला मामला नहीं है, जो पत्रकार पुलिस के खिलाफ लिखना शुरू करता है, उसके खिलाफ इसी तरह के मामले दर्ज कर लिए जाते हैं।

देवरी कलां में भी यही हुआ, जहां भ्रष्टाचार एवं शासकीय योजना के क्रियान्वयन को लेकर अखबार में खबर प्रकाशित करने पर स्थानीय पत्रकार त्रिवेन्द्र जाट के खिलाफ ही देवरी थाना में फर्जी मामला दर्ज करा दिया गया। पुलिस के मामला दर्ज करने से पहले ही पत्रकार ने एसडीओपी को ज्ञापन देकर इसकी आशंका जताई थी, फिर भी बिना जांच किए जल्दबाजी में मामला दर्ज कर लिया गया। सरपंच को शासकीय सेवक मानते हुए पत्रकार पर शासकीय कार्य में बाधा की धारा 353 भी लगा दी गई।

इस मामले की शिकायत जिले के मीडिया कर्मियों ने सागर आईजी और पुलिस अधीक्षक से करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। आईजी ने एसपी को उक्त मामले की पुनर्विवेचना कराने का निर्देश दिया है। वहीं एसपी सचिन अतुलकर ने एसडीओपी देवरी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। पत्रकार के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करने एवं प्रताड़ित करने की शिकायत मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और डीजीपी से भी की गई है। वहीं स्थानीय पत्रकारों में भी रोष व्याप्त है। इस मामले को लेकर देवरी के सभी पत्रकारों की बैठक हुई। इसमें पुलिस की कारगुजारियों की निंदा की गई। मंगलवार को कलेक्टर के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया जाएगा।

इस संबंध में टीआई संदीप दुबे अयाची का कहना है कि सरपंच को पुलिस लोकसेवक मानती है इसलिए धारा 353 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। सरपंच के लिखित प्रतिवेदन पर अपराध कायम किया गया है। यह विवेचना का विषय है कि लगाए गए आरोप प्रमाणित पाए जाते हैं या नहीं।

पत्रकार त्रिवेंद्र जाट ने कुसमी सरपंच ओमकार कुर्मी का प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुटीर की किश्त निकालने के एवज में पांच हजार स्र्पए की रिश्वत मांगने का आडियो वायरल किया था। आडियो वायरल होने के बाद ग्रामीणों ने सरपंच के खिलाफ ज्ञापन भी दिए। इस खबर को भी प्रकाशित किया। कुसमी सरपंच व उसके भाई के खिलाफ गांव की ही एक महिला ने मामला दर्ज कराने के लिए देवरी पुलिस में शिकायत की थी। सुनवाई न होने पर महिला ने आईजी व एसपी से शिकायत की। इस मामले को भी पत्रकार ने प्रमुखता से उठाया। इसके बाद उक्त सरपंच ने पत्रकार त्रिवेंद्र पर मामला दर्ज कराया। पुलिस ने त्रिवेंद्र पर धारा 294, 323, 327, 341, 506, 353, 332 के तहत मामला दर्ज किया है।

इस मामले में सागर आई जी एसके सक्सेना का कहना है कि मेरे पास शिकायत आई थी। उन्हें एसपी के पास भेजा है और राजपत्रित अधिकारी से जांच कराने को कहा है। मैंने आवेदन ठीक से नहीं देखा इसलिए शासकीय कार्य में बाधा की धारा लगाने के संबंध में जानकारी नहीं है।


वहीं एस पी सचिन अतुलकर का कहना है कि पत्रकार का आवेदन आया है। एसडीओपी देवरी को जांच करने के लिए कहा है। सरपंच शासकीय सेवक कहलाएगा या नहीं यह जांच का विषय है। धाराएं तो जांच के बाद कम, ज्यादा भी हो सकती हैं।



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