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डीजीएमओ, डीजीएओ, डीजीएनओ ब्रीफिंग में भारत का संदेश, भय बिनु प्रीत न होई

राष्ट्रीय            May 12, 2025


मल्हार मीडिया डेस्क।

भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच आज लगातार दूसरे दिन भारतीय सेना के महानिदेशक स्तर के अधिकारियों ने प्रेस ब्रीफिंग की। पहले दिन की प्रेस वार्ता का आगाज शिव तांडव स्तोत्र के संगीत से हुआ था। आज सैन्य अधिकारियों के वक्तव्य से पहले राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता- 'कृष्ण की चेतावनी' के अंशों का इस्तेमाल किया गया। भारतीय सेना दहशतगर्दों के पनाहगाह पाकिस्तान को क्या संदेश देना चाह रही है? क्या पड़ोसी देश के अलावा भारत पूरी दुनिया को संदेश दे रहा है। इन सवालों पर एयरमार्शल एके भारती ने रामचरितमानस की पंक्तियों का उल्लेख किया और कहा कि समझदार को इशारा ही काफी है।

 एयर मार्शल .के. भारती

 वायु रक्षा तैयारी (दृढ़ और अभेद्य)

  • तैनाती में भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना की संपदा एक मजबूत, बहुस्तरीय प्रणाली में शामिल:

○ प्वाइंट डिफेंस: नीचे से हमला करने वाली बंदूकें, कंधे से दागे जाने वाले हथियार।

○ हवाई रक्षा: लड़ाकू विमान और लंबी दूरी की मिसाइलें।

  • सॉफ्ट और हार्ड-किल एंटी-यूएवी सिस्टम का उपयोग करके कई पाकिस्तानी ड्रोन और यूएवी को बेअसर किया गया।

उन्नत हथियारों की खरीद के लिए सरकार से लगातार बजटीय और नीतिगत समर्थन मिला।

 

खतरों का मुकाबला:

 

  • चीन में निर्मित हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें पीएल-15 कथित तौर पर लक्ष्य से चूक गईं, प्रभावी ढंग से मुकाबला किया गया।
  • लंबी दूरी के रॉकेट, लोइटर म्यूनिशन और तुर्की में निर्मित यिहा प्रणालियों को बेअसर किया गया।
  • भारतीय प्रणालियों द्वारा क्वाडकॉप्टर को मार गिराए जाने के दृश्य साक्ष्य दिखाए गए।

 

आक्रामक कार्रवाई:

 

  • पाकिस्तान के कोने-कोने में लक्षित हवाई हमले किए गए।

 

  • खास हमले:

नूर खान एयर बेस - वीडियो साक्ष्य दिखाए गए।

रहीमयार खान एयर बेस - रनवे पर बना एक गड्ढा।

 

उन्होंने यह भी उद्धृत किया:

 विनय न मानत जलधि जड़,  गए तीन दिन बीति।

 बोले राम सकोप तब,  भय बिनु होय ना प्रीति I

अर्थ -> जब विनम्रता (विनय) काम नहीं करती है, तो क्रोध और भय का प्रयोग करना आवश्यक हो सकता है, ताकि मन में प्रेम और सद्भाव उत्पन्न हो सके

भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई

 हवाई रक्षा कार्रवाइयों को सही-सही ऑपरेशनल संदर्भ में समझना चाहिए।

  • आतंकवादी रणनीति के तहत अब नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है (जैसे 2024 में जम्मू के शिवखोरी के हमले और पहलगाम के हमले)।
  • भारत ने एलओसी या अंतरराष्ट्रीय (आईबी) को पार नहीं किया - रक्षा हमारे क्षेत्र के भीतर से की गई।

 

ऑपरेशन के मुख्य बिंदु:

  • 9-10 मई: बहुस्तरीय हुवाई रक्षा ग्रिड ने ड्रोन हमले का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया।
  • पाकिस्तान वायु सेना (पीएएफ) के ड्रोन इस रक्षा ग्रिड को भेद नहीं पाए।
  • उद्धृत संदर्भ: "राख से राख, धूल से धूल" - ड्रोन को पूरी तरह से बेअसर करने और हमारे स्थानों तक पहुंचने और नुकसान पहुंचाने से पूरी तरह रोका गया।
  • कुछ ड्रोन को कंधे से दागे जाने वाले हथियारों से मार गिराया गया।
  • बिना हथियार वाली हवाई सिस्टम (यूएएस) को भी बेअसर कर दिया गया।
  • डीजी से लेकर सैनिकों तक ने बीएसएफ की भूमिका की प्रशंसा की।

 

वाइस एडमिरल . एन. प्रमोद, एवीएसएम

 

  • समुद्री बलों द्वारा लगातार निगरानी करने, पता लगाने के साथ-साथ पहचान सुनिश्चित की गई।
  • खतरों के सामने आने पर उनका जवाब देने के लिए कई सेंसर और खुफिया इनपुट का इस्तेमाल किया गया।
  • ड्रोन, मिसाइलों और विमानों से खतरों से बचाव करते हुए एक लेयर फ्लीट बेड़े की वायु रक्षा प्रणाली के तहत ऑपरेशन किया गया।

 

फ्लीट की संरचना और तत्परता:

 फ्लीट उन्नत रडार प्रणालियों के साथ एक समग्र बल के रूप में काम करता है।

  • अत्याधुनिक नौसेना तकनीक का उपयोग करके किसी भी हवाई लक्ष्य को बेअसर किया जाता है।
  • कैरियर बैटल ग्रुप वायु रक्षा की लाइन बनाता है।

 

ऑपरेशनल उत्कृष्टता:

 नौसेना के पायलटों ने दिन और रात दोनों समय उच्च दक्षता के साथ काम किया।

  • मिग-29के और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग फाइटर से लैस एयरक्राफ्ट कैरियर ने दुश्मन के विमानों को पास आने से रोका।
  • दुश्मन का कोई भी विमान भारतीय बेड़े के पास नहीं आ सका।

 

क्षमता की पुष्टि और क्षेत्रीय प्रभुत्व:

 जटिल खतरे वाले वातावरण में एंटी-मिसाइल और एंटी-एयरक्राफ्ट रक्षा क्षमताओं की पुष्टि।

  • वाहक युद्ध समूह ने क्षेत्र में एक निर्विवाद, प्रमुख उपस्थिति बनाए रखी।
  • पाकिस्तानी विमान/ प्रणालियां मकरान तट पर फंसी हुई थीं, जो शामिल होने में असमर्थ थीं।
  • नौसेना की उपस्थिति ने सुनिश्चित किया कि भारत आवश्यकता पड़ने पर अपनी इच्छानुसार हमला कर सकता है।

 

 

 

 

 

 


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