मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मुख्तार अंसारी और उसके भाई अफजल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है।
कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार साल की सजा हुई है। ऐसे में उनकी लोकसभा सदस्यता जाने का खतरा है।
एक वक्त था जब मुख्तार और उसके परिवार की पूरे उत्तर प्रदेश में तूती बोलती थी। पूर्वांचल का कोई भी ऐसा सरकारी ठेका नहीं था, जो उसकी मंजूरी के बगैर किसी और को मिल जाए।
मुख्तार की पत्नी से लेकर बेटों तक पर गंभीर आरोप लगे हैं। मुख्तार का परिवार काफी समृद्ध रहा है। ऐसे में आज हम आपको मुख्तार के परिवार की पूरी कहानी बताएंगे। मुख्तार के परिवार में कौन क्या था और अभी कौन क्या है? आइए जानते हैं...
दरअसल, मुख्यमंत्री, लाड़ली बहना योजना की अभ्यर्थियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की मन की बात सुनने पीपुल्स मॉल जा रहे थे।
मुख्यमंत्री के अभिवादन और मिलने की इच्छा लिए चौराहे पर वृद्धा रामबाई खड़ी थी। लेकिन भीड़भाड़ के कारण संतुलन खो बैठी और सड़क पर गिर गई।
यह देखकर सीएम ने तत्काल कारकेड रूकवाया और वाहन से उतर कर रामबाई को खड़े होने में मदद की और ढाँढस बंधाया। कुशल-क्षेम पूछी।
सीएम शिवराज ने पुलिसकर्मियों को बुजुर्ग का सहयोग करने के निर्देश दिए। इसके बाद पीपुल्स मॉल के लिए रवाना हुए। बता दें कि रामबाई पत्नी राजाराम, करोंद चौराहा टॉवर के पास रहती हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री चौहान ने ईद के दिन भी भोपाल के वीआईपी रोड पर कारकेड रूकवा कर वाहन दुघर्टना में घायल युवाओं को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया था।
गाजीपुर कोर्ट से सजा मिलने के बाद अफजाल अंसारी की सदस्यता खत्म कर दी गई है। अफजाल को 16 साल पुराने गैंगस्टर के मामले में दोषी ठहराया गया था और 4 साल की सजा सुनाई गई थी।
उन पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया है। वहीं उनके भाई और माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई गई थी।
अफजल अंसारी के खिलाफ 16 साल पहले कृष्णानंद राय हत्याकांड और रुंगटा अपहरण मामले को लेकर दर्ज गैंगस्टर ऐक्ट मामले में 4 साल की सजा सुनाई गई थी।
नियम के मुताबिक, 2 साल या इससे ज्यादा की सजा पर सांसदों या विधायकों को सदन की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया जाता है और उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है।
अफजल से पहले आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला की भी सदस्यता सजा होने के बाद जा चुकी है। इसके अलावा बीजेपी विधायक विक्रम सैनी की भी हाल ही में 2013 दंगों में दोषी करार दिए जाने के बाद सदस्यता खत्म कर दी गई थी।
अफजाल अंसारी साल 2004 में पहली बार सांसद चुने गए थे। इसके बाद 2005 में उन्हें कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में जेल जाना पड़ा था। साल 2009 में उन्हें सपा से टिकट नहीं मिला तो वह बीएसपी में शामिल हो गए थे।
इस बार उन्हें जीत नहीं मिली और सपा के प्रत्याशी से अफजाल चुनाव हार गए। साल 2014 में बलिया सीट से उन्होंने कौमी एकता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन फिर उन्हें हार मिली।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में वह अपने पूरे परिवार के साथ बीएसपी में शामिल हो गए थे।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें सपा और बसपा के गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा गया था। गाजीपुर लोकसभा सीट से लड़े इस चुनाव में अफजाल ने जीत हासिल की और दूसरी बार सांसद बने।
पूर्व विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले में कोर्ट से बरी हो गए थे लेकिन इसी केस से जुड़े गैंगस्टर ऐक्ट के मामले में 29 अप्रैल को कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दे दिया और 4 साल की सजा सुनाई।
ब्हानउल्लाह ने बेगम राबिया के साथ शादी की थी। दोनों से तीन बेटे हुए। सिबकतुल्लाह अंसारी, अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी।
Comments