मल्हार मीडिया ब्यूरो।
संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होने वाला है और विपक्षी पार्टियां इसमें कई मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने के लिए तैयार हैं। इसे देखते हुए सत्र के काफी हंगामेदार होने के आसार हैं। अठारह विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार खड़े करने के लिए हाथ मिलाया है।
विपक्षी दलों ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे के साथ ही वे सदन में सरकार को घेरने के लिए एकजुट हैं।
विपक्षी पार्टियां डोकलाम में चीन के साथ सैन्य विवाद, अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों पर हाल ही में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर कश्मीर की स्थिति, बीफ को लेकर हुई हिंसक घटनाओं और किसानों की आत्महत्या समेत कई मुद्दे उठाने के लिए तैयार है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों को प्रभावित करने वाला हर मुद्दा 125 करोड़ भारतीयों में हर एक के लिए चिंता का विषय है। एक जिम्मेदार और प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते हम ये सभी और साथ ही अन्य कई मुद्दे उठाएंगे।"
उन्होंने कहा, "कांग्रेस पेट्रोलियम, बिजली और अचल संपत्ति को जीएसटी में शामिल करने की मांग करेगी।"
सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस इनके अलावा संसद के दोनों सदनों में किसानों की समस्या और मंदसौर में पुलिस फायरिंग के मुद्दे भी उठाएगी।
माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि उनकी पार्टी सीमा पर तनाव से संबंधित मुद्दों के अलावा भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्याओं और कृषि संकट का मुद्दा उठाएगी।
सलीम ने कहा कि "अल्पसंख्यक समुदाय में डर फैलाया जा रहा है। गाय की रक्षक के नाम पर यह सरकार भक्षक बन गई है।"
उन्होंने कहा कि माकपा कश्मीर स्थिति, चीन और साथ ही पाकिस्तान के साथ सीमा पर विवाद और कृषि संकट के मुद्दे भी उठाएगी।
वहीं, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 'बदले की भावना' से की जाने वाली राजनीति और सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने का मुद्दा उठा सकती है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सिक्किम में चीन के साथ सीमा को लेकर स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। उन्होंने साथ ही सीमा विवाद के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया।
आजाद ने संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "यह स्थिति चीन द्वारा पैदा की गई है। यह देश की सुरक्षा का मामला है और हम इसे संसद में उठाएंगे।"
आजाद ने कहा, "सरकार ने बातचीत के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। यहां तक कि कोई झरोखा भी खुला नहीं है। कश्मीर में राजनीतिक घुटन का माहौल है।"
उन्होंने कहा, "हम भीड़ द्वारा हिंसा, किसानों की आत्महत्या के मद्देनजर कृषि संकट के मुद्दे उठाएंगे।"
आजाद ने कहा कि कांग्रेस सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने के पक्ष में नहीं है, लेकिन उन्होंने सरकार से आगे आकर मुद्दों पर चर्चा करने की अनुमति देने को कहा।
विपक्ष के वार को झेलने के लिए सरकार भी पूरी तैयारी कर रही है। मानसून सत्र की पूर्वसंध्या पर भाजपा की संसदीय पार्टी कार्यकारिणी की बैठक होगी, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। वह संसद में राजग सदस्यों को संबोधित भी करेंगे।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने भी संसद के सुचारु संचालन में समर्थन के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
भाजपा से जुड़े सूत्रों ने कहा कि सरकार इस सत्र में भ्रष्टाचार रोकथाम (संशोधन) विधेयक, व्हिसल ब्लोअर्स संरक्षण विधेयक, नागरिकता (संशोधन) विधेयक समेत करीब दर्जन भर विधेयक पारित कराने का प्रयास करेगी।
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