मल्हार मीडिया डेस्क।
देशभर के ट्रक ड्राइवर हिट एंड रन मामले में केंद्र सरकार के नए कानून के प्रावधानों को लेकर सोमवार से हड़ताल पर हैं। कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल, फल-सब्जी और बाकी जरूरी चीजें नहीं पहुंच रही हैं। इससे इन सभी के दाम बढ़ गए हैं।
कांग्रेस ने ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल का समर्थन किया है। अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कानून के दुरुपयोग से जबरन वसूली नेटवर्क और भ्रष्टाचार को बढ़ सकता है।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दिल्ली में ट्रक ड्राइवरों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जाएगा।
भल्ला ने बताया- ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने हिट एंड रन केस के खिलाफ अब तक कोई राष्ट्रव्यापी हड़ताल नहीं बुलाई है।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, समेत 10 राज्यों से पेट्रोल-डीजल पंप खाली होने की खबरें हैं। चंडीगढ़ में शर्तों पर पेट्रोल-डीजल दिया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में पुलिस की कस्टडी में पेट्रोल की सप्लाई की जा रही है। यूपी के मैनपुरी में प्रदर्शनकारी ड्राइवरों को हटाने पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
बिहार के हाजीपुर, राजस्थान के अजमेर, मध्य प्रदेश के खरगोन में भी पुलिस और प्रदर्शकारियों में झड़प हुई है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में मंगलवार को 2 याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि हड़ताल तुरंत खत्म करवाकर, परिवहन बहाल करवाए।
इस हड़ताल का आम आदमी पर सीधा असर देखने को मिल सकता है। ट्रकों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की आवक नहीं होगी और कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। वहीं, पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रुकने के आसार हैं, जिससे लोकल ट्रांसपोर्ट और आम लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो सकती है।
भारत में 95 लाख से ज्यादा ट्रक हर साल 100 अरब किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हैं। देश में 80 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर हैं, जो हर दिन जरूरत का सामान एक शहर से दूसरे शहर ट्रांसपोर्ट करते हैं। हड़ताल के कारण इतनी बढ़ी संख्या में ट्रकों के रुकने से जरूरी चीजों की किल्लत हो सकती है।
मध्यप्रदेश में ज्यादा असर है। मप्र में एसोसिएशन के पदाधिकारी विजय कालरा ने कहा, प्रदेश में छह लाख ट्रक हैं। डेढ़ लाख ट्रक दो दिन से खड़े हैं। औपचारिक ऐलान से स्थिति बिगड़ सकती है। ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा, देश में 95 लाख ट्रक हैं। 30 लाख से ज्यादा का परिचालन नहीं हो रहा है।
इसके अलावा, एमपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भी आज हालात बिगड़ सकते हैं।
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य शहरों के बस स्टैंड से बसें नहीं चल रही हैं। अकेले इंदौर में करीब 900 बसें बंद हैं। मध्यप्रदेश स्कूल बस सेवा संचालक समिति के अध्यक्ष शिवकुमार सोनी ने बताया कि मंगलवार को भी स्कूल बस और स्कूल वैन बंद रहेंगी। प्रदेश में कुल सवा लाख से अधिक स्कूल बसें और वैन चलती हैं। हड़ताल के चलते भोपाल के 5 स्कूलों में 2 जनवरी की छुट्टी कर दी गई है।
राजस्थान में सोमवार को शुरू हुआ विरोध मंगलवार (2 जनवरी) को भी जारी है। प्रदेश में ट्रक और ट्रेलर एसोसिएशन के साथ प्राइवेट बस ऑपरेटर्स भी हड़ताल पर उतर आए हैं। एहतियात के तौर पर रोडवेज बसों का संचालन सोमवार को बंद रहा। अलवर, अजमेर, जयपुर, भीलवाड़ा समेत अलग-अलग जिलों में इस कानून को लेकर विरोध किया गया और चक्का जाम किया।
छत्तीसगढ़ में भी सोमवार से शुरू हुई बस और ट्रक ड्राइवर्स की हड़ताल आज मंगलवार को भी जारी है। पेट्रोल की सप्लाई प्रभावित होने से कई बड़े शहरों में देर रात तक पेट्रोल पंप पर भीड़ लगी रही। वहीं, सब्जियों की सप्लाई रुकने से थोक मंडी तक गाड़ियां नहीं पहुंच रही हैं। इससे सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं।
नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ पंजाब के ट्रांसपोर्टर और ट्रक चालक मंगलवार को भी लामबंद दिखे। इसका असर राज्य के सभी पेट्रोल पंप पर दिखने मंगलवार सुबह दिखने लगे। अगर आज शाम तक हड़ताल खत्म नहीं हुई तो पंप मालिकों के अलावा आम लोग भी दिक्कत में आ जाएंगे। संभावना है कि राज्य के 45 फीसदी पेट्रोल पंप ड्राई हो जाएंगे।
हरियाणा के पेट्रोल पंपों में अब एक हफ्ते का ही पेट्रोल-डीजल बचा हुआ है। आज मंगलवार को भी प्रदर्शनकारी कानून के खिलाफ नारेबाजी और चक्काजाम कर रहे हैं। ट्रक चालक पानीपत की रिफाइनरी और बहादुरगढ़ स्थित प्लांट से आज भी तेल नहीं भरवा रहे हैं। इससे पंपों पर तेल की कमी होने लगी है। इससे प्रदेश में 3 हजार पंपों पर पेट्रोल डीजल की कमी हो गई है।
बिहार के हाजीपुर में पुलिस और हिट एंड रन कानून का विरोध कर रहे ट्रक ड्राइवर आमने-सामने आ गए। विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों पर बंदूकें तान दीं। इससे ड्राइवर आक्रोशित हो गए और RPF के जवानों पर टूट पड़े। बवाल बढ़ने पर रेल पुलिस के जवान वहां से जान बचाकर भागे।
हड़ताल के तीसरे दिन (1 जनवरी) छत्तीसगढ, राजस्थान, गुजरात, यूपी और पंजाब में चक्का जाम रहा। छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा, जगदलपुर सहित अन्य जिलों में स्टैंड से बसें नहीं निकली। वहीं मध्यप्रदेश के इंदौर में 900 बसें नहीं चलीं। भोपाल में लोग अपने वाहनों में पेट्रोल-डीजल भरवाने पहुंचे तो पंपों पर भारी भीड़ लग गई। बालाघाट में भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा।
गुजरात में ट्रक चालकों ने राजकोट-अहमदाबाद हाईवे बंद कराने की कोशिश की, जिससे लंबा जाम लग गया। इस दौरान भीड़ में से कुछ लोगों ने एक बस की खिड़की के कांच तोड़ दिए। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें कुछ लोग घायल हो गए। यहां कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। पढ़ें पूरी खबर...
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने हिट एंड रन कानून को सख्त बनाने का विरोध किया है। संगठन के आह्वान पर ही चक्का जाम और हड़ताल शुरू हुई है। AIMTC की अगली बैठक 10 जनवरी को होगी। इसमें फैसला लिया जाएगा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तो किस तरह से सरकार के सामने अपना पक्ष रखा जाए।
उत्तरप्रदेश में 60 हजार से अधिक ट्रकों को सड़कों पर नहीं उतारा गया। इससे तकरीबन 18 सौ से दो हजार करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित रहा।
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