मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण’-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच के सामने दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर में क्या प्रगति हुई है, इसकी रिपोर्ट दाखिल की. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है.
नाबालिग शिकायतकर्ता का बयान दर्ज हो चुका है. याचिका का उद्देश्य एफआईआर था, जो पूरा हो गया है. सभी शिकायतकर्ताओं को सुरक्षा भी दे दी गई है. इन सब तथ्यों को देखते हुए इसकी सुनवाई यहीं पूरी की जाती है. अगर आगे कोई और मसला आता है, तो पहलवान हाईकोर्ट या संबंधित मजिस्ट्रेट की कोर्ट में जा सकते हैं.
इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बेंच को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक नाबालिग समेत सभी 7 शिकायतकर्ता महिला पहलवानों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सभी बातों के लिए अगर शिकायतकर्ता यहां आएंगे तो सही नहीं है. दिल्ली पुलिस अपना काम कर रही है. लेडी सीनियर ऑफिसर के जरिए महिला पहलवानों की शिकायत पर काम हो रहा है. लेकिन हर बात के लिए अदालत में अर्जी दाखिल करना सही नहीं है.
इस पर सीजेआई ने उनसे पूछा कि क्या महिला पहलवानों के बयान सीआरपीसी 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करा लिए गए हैं? जवाब में एसजी तुषार मेहता ने कहा कि, नाबालिग शिकायतकर्ता का बयान दर्ज हुआ है, अन्य के नहीं. पुलिस अभी आरोपों की जांच कर रही है. जल्द ही अन्य महिला पहलवानों के बयान भी दर्ज कराए जाएंगे.
बृजभूषण शरण सिंह की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल का पक्ष भी सुना जाए. साल्वे ने कहा कि मेरे मुवक्किल के खिलाफ FIR दर्ज की गई है और उन्हें इस मामले मे पक्ष भी नहीं बनाया गया. इसलिए उनका पक्ष भी सुना जाना चाहिए.
पहलवानों के वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा, नाबालिग को नोटिस नहीं दिया गया, बयान दर्ज करने के लिए. 3 घंटे तक बयान दर्ज हुए. कल दोपहर में 160 के नोटिस के तहत बयान दर्ज करने के लिए आए थे. शिकायतकर्ताओं के बयान शाम को बयान दर्ज हुए.
आरोपी मीडिया में शिकायतकर्ताओं के बारे में लगातार बयान दे रहे हैं. इस पर CJI चंद्रचूड़ ने उनसे पूछा, अब शिकायतकर्ता पहलवान सुप्रीम कोर्ट से क्या चाहते हैं? वे FIR के लिए यहां आए थे, जो दर्ज हो चुकी है.
एसजी तुषार मेहता ने कहा, ‘शिकायतकर्ता महिला पहलवान भी लगातार टीवी पर बयान दे रही हैं. सभी धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं. बृजभूषण के वकील हरीश साल्वे ने एसजी मेहता का समर्थन किया.
एसजी ने कल की घटना पर सुप्रीम कोर्ट से कहा, एक राजनीतिक पार्टी के लोग बेड लेकर धरना स्थल पर गए थे, पुलिस ने रोकने की कोशिश की तब धक्कामुक्की हुई. कोई पुलिस वाला शराब पीकर वहां नहीं गया था. सबकी मेडिकल जांच हुई है.
सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने फैसले में कहा, SG ने कहा कि मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायतकर्ताओं के बयान जल्द दर्ज किए जाएंगे. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने अपने हलफनामे में कहा कि नाबालिग को सुरक्षा दी है.
इतना ही नहीं दूसरे शिकायतकर्ताओं को सुरक्षा दी गई है. सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का उद्देश्य FIR को लेकर था, जो दर्ज हो चुकी है. यहां याचिका पर सुनवाई बंद की जा रही. भविष्य में किसी दिक्कत के संबंध में पहलवान संबंधित मजिस्ट्रेट या हाई कोर्ट का रूख कर सकते हैं.
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