मल्हार मीडिया ब्यूरो।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि कुछ लोग उन्नाव दुष्कर्म मामले का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। शीर्ष कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की, जब निष्कासित भाजपा नेता कुलदीप सेंगर के वकीलों ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के उन जजों के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं, जिन्होंने सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित किया था।
हाईकोर्ट ने उन्नाव दुष्कर्म मामले में सेंगर की आजीवन कारावास की सजा को यह कहते हुए निलंबित कर दिया था कि वह पहले ही सात साल और पांच महीने जेल में बिता चुका है।
तीन जजों की अवकाशकालीन पीठ की अध्यक्षता कर रहे मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, 'हम जानते हैं। हम कोई संकीर्ण सोच वाले लोग नहीं हैं। हम जानते हैं कि लोग राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं और कुछ लोग ही ऐसा कर रहे हैं।'
सेंगर की ओर से वरिष्ठ वकील एन. हरिहरन पेश हुए। उन्होंने शीर्ष कोर्ट को बताया कि इस मामले की सुनवाई करने वाले हाईकोर्ट के जजों पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को जजों के खिलाफ बयान या आरोप लगाने से बचना चाहिए। हरिहरन ने कहा, वे यह सब राष्ट्रीय टेलीविजन चैनलों पर कर रहे हैं। सेंगर की ओर से पेश एक अन्य वकील ने बताया कि हाईकोर्ट के जजों की तस्वीरें प्रसारित की जा रही हैं।
हरिहरन ने कहा कि जजों पर आरोप लगाने का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है और यह चिंता का विषय है। इसके बाद पीठ ने टिप्पणी की कि ऐसे लोग यह बात भूल जाते हैं कि सेंगर को न्यायपालिका ने ही दोषी ठहराया था।
अवकाशकालीन पीठ में न्यायमू्र्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह भी शामिल थे। सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा, स्पष्ट रूप से कहें तो ये जज हमारे यहां सर्वश्रेष्ठ जजों में से हैं।
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