मल्हार मीडिया भोपाल।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 11 अगस्त को सुबह 11 बजे कृषि बीजों की अलग-अलग 109 किस्मों को जारी करेंगे। अलग एग्रो क्लाइमेटिक जोन के लिए इसमें अलग किस्म हैं। साथ ही बीजों की किस्म एरिया स्पेसिफिक फसलों के लिए तैयार की गई है। इन किस्मों को प्रधानमंत्री खेत में ही जाकर रिलीज करेंगे। रविवार को प्रधानमंत्री आईसीएआर के खेतों में जाएंगे, और तीन स्थानों पर बीजों की किस्मों को रिलीज करेंगे।
ये बातें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शनिवार 10 अगस्त को भोपाल में पत्रकारों से चर्चा में कही। उन्होंने कहा कि लैब-टू-लैंड, विज्ञान सीधे किसान तक पहुंचें, रिसर्च का फायदा किसान तक पहुंच जाए। सब एक जगह हो, यह प्रयत्न किया है। केंद्रीय कैबिनेट ने गरीबों के 2 करोड़ ग्रामीण घर बनाने का प्रावधान किया है। इस दौरान कृषि मंत्री ने किसानों की आय बढ़ाने का 5 सूत्रीय रोडमैप भी बताया।
किसान कुछ खरीदता है तो उससे भी जीडीपी बढ़ती है
शिवराज ने कहा- कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा है। यह देश के लगभग 50% लोगों को रोजगार देता है। अर्थव्यवस्था में जीडीपी का योगदान भले ही 17 प्रतिशत से ज्यादा है लेकिन किसान अगर उत्पादक है तो सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है।
किसान कुछ खरीदता है, उससे भी जीडीपी बढ़ती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता किसान हैं। हम कहते रहे हैं कि किसानों की आय बढ़ाएंगे, कृषि क्षेत्र को मजबूत करेंगे। शिवराज ने कहा कि 6 आयामों पर हम पीएम मोदी के नेतृत्व में निरंतर काम कर रहे हैं।
आय बढ़ाने का रोडमैप
उत्पादन बढ़ाना।
उत्पादन की लागत घटाना।
कृषि उत्पाद का ठीक दाम देना।
प्राकृतिक आपदा में नुकसान की क्षतिपूर्ति।
कृषि का विविधीकरण, केवल परंपरागत फसल नहीं, फल, फूल, औषधि, मधुमक्खी पालन, वैल्यू ऐडिशन। कच्चे माल से विभिन्न चीज बनाना।
प्राकृतिक खेती।
लागत घटाना है तो अच्छे बीज चाहिए
शिवराज सिंह ने कहा- उत्पादन बढ़ाना और लागत घटाना है तो अच्छे बीज चाहिए। जलवायु परिवर्तन के कारण धरती की सतह का तापमान बढ़ रहा है। हमें ऐसे बीज की जरूरत है जो जलवायु के अनुकूल हों, उचित पैदावार दे सकें, कीटनाशकों का प्रयोग कम हो।
अनुसंधान करके बीज उत्पादित करना, बीज बनाना यह काम बहुत महत्वपूर्ण है। आईएसीएआर निरंतर इस काम में लगी है। अभी पिछले दिनों 109 किस्में बीजों की तैयार की गई हैं। इसमें अनाज की 23 किस्में हैं।
अनाज में चावल की 9, गेहूं की 2, जौ की एक, मक्का की 6, ज्वार, बाजरा, रागी, छीना, सांबा की एक-एक, अरहर की 2, चने की 2, मसूर की 3, मटर की 1, मूंग की 2, ओवरऑल तिलहन की 7 किस्में शामिल हैं। चारे की 7 किस्में, गन्ने की 7 किस्में, कपास की 5, जूट की एक, बागवानी की 40 किस्म भी तैयार की गई हैं।
20% कम पानी लेने वाली धान की किस्में तैयार
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा- हमारे वैज्ञानिकों ने अनुसंधान करके अधिक उत्पादन देने वाली धान कीऐसी किस्म भी तैयार की है, जिसमें 20% कम पानी लगेगा। उत्पादन के साथ कीटों का कम प्रकोप हो, ऐसा प्रयत्न भी किया है।
उन्होंने कहा कि कृषि बजट जो यूपीए की सरकार में 27 हजार करोड़ हुआ करता था, वो एलाइड सेक्टर्स का मिलाकर अब 1.52 लाख करोड़ रुपए है। पिछले साल 1 लाख 95 हजार करोड़ की सब्सिडी फर्टिलाइजर पर प्रदान की गई थी। इस साल 1 लाख 70 हजार करोड़ की सब्सिडी का प्रावधान है लेकिन खपत बढ़ेगी तो ये बढ़ भी जाएगा।
इस साल 2,625 करोड़ का विशेष पैकेज अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति के कारण खाद के जहाजों को घूम कर आना पड़ता है। इसमें समय भी लगता है, वह भार किसान पर न आए, इसके लिए यह विशेष पैकेज दिया गया है। एग्रीकल्चर में सिंचाई महत्वपूर्ण है, इसके जल शक्ति मंत्रालय का बजट है, ये खेत के पानी के लिए भी होता है।
फलों की खेती करने वाले किसानों के लिए भी हो रहा काम
केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट में गरीबों के 2 करोड़ ग्रामीण घर बनाने का प्रावधान किया है। कृषि के क्षेत्र में बागवानी भी महत्वपूर्ण है। फल के जो पौधे होते हैं, वो बीज से नहीं, कलम से बनते हैं। अगर मूल कलम में वायरस हो, तो उससे दूसरे कलमों में भी वायरस हो जाते हैं।
इसके लिए क्लीन प्लांट प्रोग्राम के लिए 1700 करोड़ की मंजूरी दी गई है। किसानों को जो बागवानी के क्षेत्र में फलों की खेती करेंगे, उसके लिए पूरा एक सिस्टम है उसके लिए 9 सेंटर बनाए जाएंगे। कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में निरंतर बेहतर करने का प्रयास चल रहा है।
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