मल्हार मीडिया ब्यूरो।
बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन संसद में वक्फ संशोधित बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश करने को लेकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी ने तो लोकसभा में जेपीसी चेयरमैन और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने इस रिपोर्ट को पेश किया।
इसे लेकर दोनों सदनों में विपक्ष ने आपत्ति जताई। इनका आरोप है कि जेपीसी रिपोर्ट में उनकी असहमतियों को डिलीट कर दिया गया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'जेपीसी की यह रिपोर्ट फर्जी है। इसमें विपक्ष की असहमतियों को डिलीट कर दिया गया। ये असंवैधानिक है।'
आप सांसद संजय सिंह ने कहा, 'हमने अपना पक्ष रखा। इससे सहमत या असहमत हो सकते हैं, लेकिन कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं।'
इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई थी कि उनकी राय को इसमें नहीं जोड़ा गया। मैं कहना चाहता हूं कि विपक्ष के सदस्य संसदीय कार्य प्रणाली के तहत जो कुछ भी जोड़ना चाहते हैं, वो जोड़ सकते हैं। उनकी पार्टी को इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है।'
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त समिति की रिपोर्ट को लेकर गुरुवार संसद के दोनों सदनों में एनडीए और विपक्षी सांसदों के बीच तीखी बहस हुई। विपक्षी सांसदों ने रिपोर्ट में आपत्तियों को शामिल नहीं किए जाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि असहमति नोट के कुछ हिस्सों को अंतिम रिपोर्ट से हटा दिया गया है। लोकसभा में इस रिपोर्ट को संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की ओर से पेश किया गया।
इस दौरान विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन के कारण कार्यवाही बाधित हुई। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विरोध कर रहे सांसदों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि यदि असहमति नोट जोड़े जाते हैं तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। अमित शाह ने कहा कि कुछ विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति जताई है कि उनकी ओर से उठाए गए मुद्दों, विवादों को पूरी तरह से शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों की ओर से उठाए गए विवादों को शामिल किया जाता है तो मेरी पार्टी को इसमें कोई आपत्ति नहीं है।
वहीं राज्यसभा में, विधेयक पर रिपोर्ट राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी द्वारा पेश की गई और सदन द्वारा स्वीकार कर ली गई। रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया। विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि विपक्ष फर्जी रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करेगा जो हमारे विचारों को कुचलती है। कांग्रेस अध्यक्ष ने मांग की कि रिपोर्ट को वापस संयुक्त संसदीय समिति को भेजा जाए और फिर से पेश किया जाए।
खरगे ने कहा JPC रिपोर्ट में, कई सदस्यों की अपनी असहमति रिपोर्ट है। उन नोट्स को हटाना और हमारे विचारों को कुचलना सही नहीं है। यह लोकतंत्र विरोधी है... हम ऐसी फर्जी रिपोर्ट कभी स्वीकार नहीं करेंगे। अगर रिपोर्ट में असहमति के विचार नहीं हैं, तो इसे वापस भेजा जाना चाहिए और फिर से पेश किया जाना चाहिए। कई इंडिया गठबंधन के सांसदों ने भी खरगे का समर्थन किया। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने दावा किया कि हमारे असहमति नोट को हटा दिया गया।
खरगे के दावों का खंडन करते हुए, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि असहमति नोट रिपोर्ट में संलग्न थे और विपक्ष पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य अनावश्यक मुद्दा बना रहे हैं। विपक्ष पर हमला करते हुए, केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कुछ लोग भारतीय राज्य से लड़ने की कोशिश कर रहे थे उनका इशारा पिछले साल राहुल गांधी की ओर से दिए गए बयान के संदर्भ में था।
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