मल्हार मीडिया डेस्क।
उत्तराखंड चमोली बद्रीनाथ हाईवे पर काम कर रहे मजदूर एवलांच की वजह से दब गए हैं. 50 मजदूरों को अब तक निकाला गया है. हालांकि रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आ रही है.
उत्तराखंड में निर्माणाधीन चमोली बद्रीनाथ हाईवे पर शुक्रवार को बड़ा हादसा हो गया है. यहां बर्फबारी के बाद बर्फ में हाईवे का काम करने वाले 50 मजदूरों को निकाल लिया गया है.
चमोली एवलांच में फंसे 5 मजदूरों के लापता होने की जानकारी थी, लेकिन जिन लापता मजदूरों के लिए रेस्क्यू हो रहा है उसमें से एक मजदूर सुनील कुमार बिना बताए छुट्टी लेकर घर चला गया था, उनके परिवार ने पुष्टि की है कि वे घर पहुँच गए हैं. अब एवलांच में 4 मजदूर लापता हैं.
उत्तराखंड की गढ़वाल लोकसभा सीट से सांसद अनिल बलूनी ने शनिवार को बताया कि चमोली जिले के माणा क्षेत्र में हुए हिमस्खलन में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है. स्थानीय प्रशासन, बीआरओ, सेना और आईटीबीपी की टीमें मिलकर काम कर रही हैं.
अनिल बलूनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, उत्तराखंड में चमोली जिले के माणा क्षेत्र में हुए हिमस्खलन में फंसे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के श्रमवीरों को बचाने के लिए राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. मैं जिलाधिकारी के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन, बीआरओ, सेना और आईटीबीपी की टीम से राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर लगातार संपर्क में हूं. सांसद ने अंत में लिखा, घायल श्रमवीरों की शीघ्र रिकवरी में सहयोग के लिए मैंने माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी बात की है ताकि कोई भी जरूरत हो, उसे जल्द से जल्द मुहैया कराया जा सके.
चमोली एवलांच में लापता 5 मजदूरों के नाम सामने आ चुके हैं. जिसमें से हिमाचल प्रदेश के दो मजूदर सुनील कुमार, हरमेश चंद, उत्तर प्रदेश का एक मजदूर अशोक कुमार और उत्तराखंड के दो मजूदर अनिल कुमार और अरविंद कुमार सिंह हैं.
चमोली एवलांच की घटना पर उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा, "वहां 55 मजदूर फंसे थे, जिनमें से 50 को बचा लिया गया है और 5 मजदूरों के लिए तलाशी अभियान जारी है. आज मुख्यमंत्री वहां गए थे, एक मजदूर की हालत बहुत गंभीर थी उसे एयरलिफ्ट कर एम्स में भर्ती कराया गया है. उसकी हालत स्थिर है, तलाशी अभियान जारी है."
उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में ग्लेशियर टूटने से हादसे में फंसे हुए व्यक्तियों की सुरक्षा और राहत कार्य के लिए परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष द्वारा आज की माँ गंगा आरती उन सभी को समर्पित की. इस अवसर पर चिदानंद मुनि महाराज ने हादसे में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ और फंसे हुए लोगों की जल्दी और सुरक्षित रेस्क्यू के लिए गंगा माँ से प्रार्थना की.
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