मल्हार मीडिया डेस्क।
नए साल के जश्न पूरी तरह से खत्म भी नहीं हो पाया था देश के कई राज्यों में चक्काजाम के हालात बन गए हैं. नए साल के पहले ही दिन से पेट्रोल पंपों पर लोगों की बड़ी कतारें और सड़कों पर जाम से कई राज्यों का हाल-बेहाल हो गया. इसके पीछे की वजह है हिट एंड रन जैसे हादसों के लिए लाया गया नया कानून.
भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन मामलों में नए प्रावधानों क खिलाफ देश के कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों ने 1 जनवरी से तीन दिवसीय विरोध-प्रदर्शन का ऐलान किया है.
इसकी वजह से राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गों को ब्लॉक कर दिया गया है, जिससे देशभर में हाहाकार की स्थिति बन गई है.
ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर पेट्रोल-डीजल की सप्लाई पर पड़ा है. इसकी वजह कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कमी होने की संभावना बन गई है. इसी के चलते पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ नजर आ रही है. लोग पेट्रोल पंपों पर लगी लंबी लाइनों और सड़कों पर रोक दिए गए ट्रकों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.
एक वाहन चालक जो गलती से किसी व्यक्ति को टक्कर मार देता है और बाद में पुलिस को उस बारे में सूचित करता है या पीड़ित को नजदीकी अस्पताल ले जाता है, उस पर हाल ही में बनाए गए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के कड़े प्रावधान के तहत मुकदमा नहीं चलाया जाएगा।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। भारतीय न्याय संहिता के अनुसार जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है, और घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना भाग जाता है, उसे दस वर्ष तक की अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा, और जुर्माना भी लगाया जाएगा।
नए कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे और सड़कों से दूर रहने वाले कुछ ट्रक चालकों की आशंकाओं को गलत बताकर खारिज करते हुए पदाधिकारी ने कहा कि हिट-एंड-रन मामलों का प्रावधान केवल उन वाहन चालकों पर लागू होगा, जो पुलिस को बिना बताए भागने की कोशिश करेंगे। अधिकारी ने कहा दुर्घटना की सूचना पुलिस को देने वाले चालक पर कड़े कानून के तहत कार्रवाई नहीं की जाएगी। यदि वाहन चालक को डर है कि दुर्घटना स्थल पर रुकने पर उस पर हमला किया जाएगा, तो वह निकटतम पुलिस थाने जा सकता है या पुलिस या टोल फ्री आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 108 पर कॉल कर सकता है और दुर्घटना के बारे में सूचित कर सकता है
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ऐसे मामलों में वाहन चालक को बस पुलिस को गाड़ी का नंबर, संपर्क विवरण देना होगा और बताना होगा कि जरूरत पड़ने पर वह जांच में सहयोग करेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कानून के कड़े प्रावधान लागू नहीं होंगे। उनके मुताबिक, वाहन चालक अगर पुलिस को सूचना दिए बिना मौके से भागते हैं, तो कानून के सख्त प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह, नशे में गाड़ी चलाने और उसके बाद दुर्घटना के मामलों में भी कड़ा प्रावधान लगाया जाएगा।
हिट एंड रन मामलों में सजा को 10 साल तक बढ़ाने का नया प्रावधान सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद तैयार किया गया है। सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने कई मामलों में कहा है कि जो वाहन चालक सड़क पर लापरवाही से गाड़ी चलाते हैं, दुर्घटना के बाद भाग जाते हैं जिससे किसी की मौत हो जाती है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
बीएनएस की उपधारा 106 (1) और उपधारा 106 (2) यह स्पष्ट करती है कि यदि व्यक्ति लापरवाही से गाड़ी चलाने से हुई मौत की सूचना घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को देता है, तो उस पर उपधारा 106(2) के स्थान पर उपधारा 106(1) लगाई जाएगी। उपधारा 106 (1) में पांच साल तक की सजा का प्रावधान है, जबकि उपधारा 106(2) में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। इन नए सख्त प्रावधानों के खिलाफ ट्रक चालकों ने कई राज्यों में हड़ताल की।
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