मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में संभवत: सरकार को विपक्ष द्वारा हंगामे का अंदाजा था इसलिए जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई सरकार ने एक के बाद 17 विधेयक सदन में पेश कर दिए। इसके साथ ही सात अध्यादेश रखे गए।
अनुपूरक बजट पर विधानसभा में मंगलवार को चर्चा होगी। इसके बाद सदन में कांग्रेसी विधायक हंगामा करते रहे और अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
गौरतलब है कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह सत्र मौजूदा विधानसभा का अंतिम सत्र है। सत्र के लिए अभी तक सचिवालय को 1376 प्रश्न, 236 ध्यानाकर्षण, 3 स्थगन, 17 अशासकीय संकल्प और 36 शून्यकाल की सूचनाओं के अलावा 15 याचिकाएं प्राप्त हुईं हैं। हंगामे के चलते विधानसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए विधानसभा के अंदर घुसे और मंदसौर गोलीकांड के पर्चे लहराने लगे। कांग्रेस नेताओं ने मंदसौर गोलीकांड की रिपोर्ट को लेकर सवाल खड़े किए। हंगामे के बीच ही सदन में कांग्रेस विधायक राम निवास रावत ने शिवराज सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया और आसंदी से अनुमति मांगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष की सूचना पर प्रस्ताव को चर्चा में लेने पर विचार होगा।
उधर नेता प्रतिपक्ष ने मानसून सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की है। कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इसे देखते हुए मानसून सत्र बढ़ाए जाने की मांग की गई है।
कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के बाहर जमकर नारेबाजी की और भाजपा सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने कई मुददे खड़े किए।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह द्वारा विधानसभा को सौंपे गए अविश्वास प्रस्ताव में प्रमुख रूप से ई-टेंडरिंग घोटाले समेत प्रदेश में कुपोषण की भयावह स्थिति, महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार, किसानों द्वारा लगातार की जा रही आत्महत्या, उद्यानिकी विभाग में हुए घोटाले, प्रदेश में महंगी बिजली खरीदी, नर्मदा सेवा यात्रा और प्याज घोटाले का जिक्र है। इसके साथ ही कर्ज में डूबे प्रदेश को भी अविश्वास प्रस्ताव में शामिल किया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष डा. सीतासरन शर्मा की अनुमति के बाद विधानसभा सचिवालय ने अविश्वास प्रस्ताव में लगाए गए आरोपों को जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेज दिया है।
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