मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्यप्रदेश में खरीफ सीजन के दौरान खाद संकट गहराने के साथ ही अब राजनीतिक रंग लेने लगा है। किसानों की लगातार परेशानी और लंबी कतारों के बीच सांसद गणेश सिंह का बयान वायरल हो रहा है। यह प्रदेश सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है।
भाजपा सांसद ने किसानों की पीड़ा को कष्टप्रद बताते हुए पत्र जारी किया है। इसके बाद यह सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वहीं, विपक्ष ने इसे प्रदेश सरकार पर हमला बोलने का बड़ा हथियार बना लिया है जो अब राजनीतिक गलियारों खासा ट्रोल हो रहा है।
दरअसल, सतना से लगातार चार बार के सांसद रहे गणेश सिंह ने खाद को लेकर चिंता जताते हुए अपने पत्र में साफ लिखा कि जिले और प्रदेश के विभागों के अधिकारी इसे गंभीरता से लें। किसानों की लंबी लाइन देख कर मुझे बहुत कष्ट हो रहा है। खाद के वितरण में पारदर्शिता की भी कमी है, निजी क्षेत्रों में ऊंचे दाम पर किसान खाद खरीदने के लिए मजबूर हैं।
उन्होंने आगे लिखा डबल लॉक में उन्हीं किसानों को खाद मिल रही है, जो सोसायटी के सदस्य हैं। वो भी पर्याप्त नहीं है। लेकिन बड़ी संख्या में छोटे किसान जिनका जोत का रकबा कम है वे भटक रहे हैं।
उन्होंने पत्र में आगे कहा कि किसानों को परेशानी से बचाने के लिए जिला प्रशासन को हमारा और हमारे पार्टी का पूरा सहयोग जैसा चाहे वैसा लें और व्यवस्था में तत्काल सुधार करें।
सांसद का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होते ही कांग्रेस ने बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया एक्स में पत्र को शेयर करते हुए लिखा की हम तो कहते ही थे, ये सरकार निकम्मी है।
एक भाजपा विधायक कलेक्टर की कॉलर पकड़कर कहता है, यह सरकार निकम्मी है!, एक भाजपा सांसद पत्र लिखकर कहता है यह सरकार निकम्मी है! और किसान लाइन में लगकर कह रहे हैं यह सरकार निकम्मी है!
पटवारी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को टैग करते हुए सवाल किया है कि 'आंखें खोलो, कुछ तो बोलो! यह निकम्मापन कब तक चलेगा? किसान को खाद कब मिलेगी?'
सांसद ने विपक्ष को जवाब देते हुए लिखा कि किसानों के खाद की कमी को लेकर फोन आ रहे थे। इसको देखते हुए मैंने जिला प्रशासन को खाद्य वितरण की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए अपनी और पार्टी की हर तरह की मदद की पेशकश की थी। इसके लिए लिए मीडिया की मदद से बयान दिया।
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