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बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला - आडवाणी, जोशी, उमा को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश

राजनीति            May 25, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित एक विशेष अदालत ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती तथा मुरली मनोहर जोशी को 30 मई को व्यक्तिगत रूप से अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। यह अदालत सन् 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की रोजाना सुनवाई कर रही है। छह दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद गिराने की साजिश में संलिप्तता को लेकर अदालत में चल रहे मामले की सुनवाई में व्यक्तिगत तौर पर पेशी से छूट मांगने के लिए भाजपा नेताओं ने अदालत का रुख किया था।

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने निर्देश दिया है कि बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती, विनय कटियार सहित दूसरे नेता कोर्ट में हाजिर हों। सुप्रीम कोर्ट ने प्रमुख नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत विहिप के कई नेताओं पर ट्रायल चलाए जाने की याचिका मंजूर कर ली थी और ढांचा विध्वंस को देश के संविधान के धर्मनिरपेक्ष तत्व को झकझोर देने वाला कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने ढांचा विध्वंस के समय यूपी के सीएम रहे कल्याण सिंह को फिलहाल राजस्थान के राज्यपाल पद पर होने के कारण मुकदमे से अलग रखा है। कोर्ट ने तब कहा था कि कल्याण सिंह के राज्यपाल पद से हटते ही ट्रायल कोर्ट उन पर आरोप तय करेगा।

अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले में लखनऊ में सीबीआई कोर्ट में चल रही सुनवाई अब 30 मई को होगी। 30 को कोर्ट ने सभी 11 आरोपियों को तलब किया है। माना जा रहा है कि इनके खिलाफ 30 को आरोप तय होंगे। इनमें पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी भी आरोपी हैं।

अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने के मामले में पूर्व सासंद डॉ. राम विलास वेदांती सहित छह लोगों पर आरोप तय करने के लिए विशेष न्यायाधीश (अयोध्या प्रकरण) सुरेंद्र कुमार यादव ने आज की तिथि नियत की थी। आज सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया था।

कोर्ट के समक्ष कल वयोवृद्ध आरोपी शिवसेना के पूर्व सांसद सतीश प्रधान उपस्थित हुए, जिन्हें अदालत ने न्यायिक अभिरक्षा में लेने के बाद बीस हजार रुपये के निजी मुचलके व इतनी ही धनराशि की एक जमानत दाखिल करने पर रिहा कर दिया। इसके पहले 20 मई महंत डॉ. राम विलास वेदांती, महंत नृत्य गोपालदास, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेम धर्मदास व चंपत राय बंसल उपस्थित हुए थे, जिन्हें अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया था। थाना रामजन्मभूमि में तत्कालीन थानाध्यक्ष प्रियम्बदानाथ शुक्ला ने लाखों अज्ञात कारसेवकों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 6 दिसंबर, 1992 को ढहाई गई बाबरी मस्जिद मामले में बीजेपी के कई बड़े नेताओं को आरोपी बनाया गया है।

इसमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, महंत नृत्य गोपाल दास, रामविलास वेदांती, सतीश प्रधान, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा और विष्णु हरि डालमिया जैसे कई लोग शामिल हैं। इन सभी लोगों के खिलाफ बाबरी मस्जिद गिराने का षड़यंत्र रचने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट के 19 अप्रैल के आदेश के अनुपालन में आरोप मुक्त सभी आरोपी हाजिर हो चुके हैं। कुल नौ आरोपियों में महामंडलेश्वर जगदीश मुनि और सतीश नागर की मृत्यु हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल पद पर आसीन होने के कारण कल्याण सिंह को अदालती कार्यवाही से फिलहाल मुक्त रखा है। इन सभी आरोपियों को तकनीकी आधार पर विचारण न्यायालय ने आरोपमुक्त कर दिया था।

इस मामले में आरोपी गिरिराज किशोर और अशोक सिंघल की मौत हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में इलाहबाद हाईकोर्ट के फरवरी 2001 के निर्णय में आडवाणी और अन्य पर आरोप हटाने के फैसले को त्रुटिपूर्ण माना था।



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