मल्हार मीडिया भोपाल।
लंबे समय से कभी हॉं कभी न, कभी इधर कभी उधर कहने करने वाली बीना विधायक निर्मला सप्रे के खिलाफ अब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार हाईकोर्ट जाएंगे।
विधायक निर्मला सप्रे ने लंबे समय से अपनी गतिविधियों से यह सस्पेंस बनाकर रखा है कि आखिर वे हैं किस पार्टी में?
गौरतलब है कि विधायक निर्मला ने बीना विधानसभा से चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान वे भाजपा में शामिल हो गईं।
ये अलग बात है कि उन्होंने अब तक विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है और न ही औपचारिक रूप से भाजपा ज्वाइन की है। इस मामले में अब कांग्रेस हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है।
विधायक निर्मला सप्रे ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान वह बीजेपी में शामिल हो गईं। पांच महीने बीत जाने के बाद भी उन्होंने न तो विधायक पद से इस्तीफा दिया है और न ही औपचारिक रूप से भाजपा ज्वाइन की है।
इसको लेकर कांग्रेस ने हाईकोर्ट जाने का फैसला किया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि वह जल्द ही इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे।
यह मामला सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से जुड़ा है। यहां से निर्मला सप्रे ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था। इस साल 5 मई को लोकसभा चुनाव के दौरान वह अचानक बीजेपी में शामिल हो गईं।
खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उन्हें बीजेपी ज्वाइन करवाई थी। सप्रे ने भी बीजेपी में जाने की बात कही थी और वह लगातार बीजेपी की बैठकों में शामिल हो रही थीं। ऐसे में माना जा रहा था कि वह जल्द ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे देंगी।
लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। इस वजह से कांग्रेस उनकी सदस्यता रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर करने जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि निर्मला सप्रे की सदस्यता समाप्त करने के लिए उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को याचिका दी थी। लेकिन 90 दिन बाद पता चला कि सदस्यता समाप्त करने संबंधी कागज ही गायब हैं।
इस पर सिंघार ने कहा कि विधानसभा में कागज घुमना हास्यास्पद बात है, इसलिए हम लोग इस पूरे मामले को लेकर अब हाईकोर्ट जाएंगे।
क्योंकि निर्मला सप्रे कांग्रेस की विधायक हैं, लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधि कर रही हैं, उनकी सदस्यता बर्खास्त करने पार्टी से अलग करने हम कोर्ट में जाएंगे।
बताया जा रहा है कि बीना को जिला बनाने के मुद्दे पर यह पूरा मामला अटका हुआ है। सूत्रों के अनुसार, निर्मला सप्रे ने इसी बात को लेकर बीजेपी ज्वाइन की थी कि बीना को जिला बनाया जाए। लेकिन, जिला बनाने का मामला फंस गया है।
इसके बाद से उन्होंने अब तक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। हालांकि, निर्मला सप्रे कई बार मंच से यह बात कह चुकी हैं कि वह जल्द ही इस्तीफा देने वाली हैं।
खास बात यह है कि निर्मला सप्रे भले ही बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं लेकिन विधानसभा के अनुसार, वह अभी भी कांग्रेस की विधायक हैं और कागजों में भी वह कांग्रेस की ही विधायक हैं। लेकिन, उन्होंने कांग्रेस से पूरी तरह से दूरी बना ली है।
वह लगातार भाजपा की बैठकों में शामिल हो रही हैं। हालांकि, उन्होंने खुद यह बयान दिया है कि वह अभी तक बीजेपी में शामिल नहीं हुई हैं। ऐसे में देखना होगा कि यह असमंजस कब खत्म होता है।
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