मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आज सोमवार 2 फरवरी को कहा कि प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में अव्यवस्थाओं और लचर कानून व्यवस्था के चलते सरकार की लापरवाही से मची भगदड़ से सैकड़ों लोगों की मौत और हजारों लोग घायल हुए हैं, लेकिन सरकार इस हादसे से पल्ला झाड़ने के लिए महज 30 लोगों की मौत बता रही है, सरकार सच्चाई पर पर्दा डालकर इस वीभत्स हादसे पर लीपापोती करने में लगी हुई है।
पटवारी ने कुंभ मेले में मध्यप्रदेश के लोगों की हुई मौतों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार मौतों का आंकड़ा क्यों छुपा रहीं है। कुंभ मेले में कितने लोग मध्यप्रदेश के मरे हैं, सरकार को इसका खुलासा करना चाहिए।
पटवारी ने कहा कि जानकारी के अनुसार प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है। प्रशासन का कहना है कि अखाड़ा मार्ग में भीड़ बढ़ने के कारण यह हादसा हुआ।
इससे वहां आसपास नीचे सोए श्रद्धालुओं पर अन्य लोग चढ़ गए। उन्होंने कहा कि जब यह हादसा हुआ तक इतने बड़े आयोजन में व्यवस्थाओं के नाम पर 8 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई, जिसमें ढाई हजार कैमरे, एआई इंटेलीजेंस और पुलिस प्रशासन का खुफिया तंत्र कहां सोया हुआ था? मौत का आंकड़ा बताने में भी सरकार को एक दिन से ज्यादा का समय लग गया।
पटवारी ने कहा कि कुंभ मेले में जहां एक ओर हेलीकाप्टर से फूल बरसाए गये, वहीं शवों को ले जाने के लिए एंबूलेंस तक उपलब्ध नहीं हो सकी। केंद्र सरकार, उत्तरप्रदेश और मप्र की सरकार मौतों पर पर्दा डालकर मौतों की सच्चाई को छिपा रही है।
इसका प्रमाण यह है कि हाईटेक मेले में मृतकों को न तो डेट सर्टिफिकेट दिये जा रहे हैं न ही कोई सरकारी दस्तावेज। महज खानापूर्ति के लिए हाथ से लिखा हुआ कागज का टुकड़ा थमाया जा रहा है। सरकार के दावों के बीच हकीकत कुछ और है। जहां सैकड़ों लोग भगदड़ में मरे हैं वहीं हजारों लोग अभी भी लापता है।
पटवारी ने कहा कि मप्र के विदिशा, ग्वालियर, नर्मदापुरम, रायसेन सहित अलग-अलग जिलों के लोग इस हादसे में शामिल हैं। इतना ही नहीं नर्मदापुरम के एक परिजन को अपने भाई का शव लाने के लिए सरकार ने कोई मदद नहीं की और उसे 40 हजार रूपये लगाकर शव को अपने घर लाना पड़ा। पटवारी ने कहा कि मप्र सरकार खुलासा करे कि कुंभ मेले में मध्यप्रदेश के कितने लोग हादसे का शिकार हुये, कितने लोग मरे और कितने अभी भी लापता है।
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