हंगामाखेज आरोप-प्रत्यारोप के साथ अविश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा में चर्चा

राजनीति            Dec 21, 2022


मल्हार मीडिया भोपाल।

मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है।

आज पूरा दिन सत्तापक्ष और विपक्ष के तीखे आरोपों-प्रत्यारोपों के नाम रहा। एक तरफ जहां विपक्ष मुख्यमंत्री शिवराज और सरकार को लेकर आक्रामक रूख अपनाए रहा वहीं सत्तापक्ष कांग्रेस की 15 महीनों की सरकार के कामकाज को लेकर घेरता नजर आया।

 कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह ने सबसे पहले सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा- आज पूरी तरह से सत्ता के घमंड में मुख्यमंत्री ने जनता से जुड़े मुद्दों को तिलांजलि दे दी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा- हमने अविश्वास प्रस्ताव में जो मुद्दे उठाए, उन पर जवाब देना चाहिए। लेकिन, गृहमंत्री जी विद्वान हैं।

भाषण देने में माहिर हैं। ये कौन सी परंपरा है जब सत्तापक्ष पर विपक्ष आरोप लगाता है, तो सत्तापक्ष जवाब देता है।

गोपाल भार्गव ने कहा- आपने आज क्या भाषण दिया, वो आपको खुद याद नहीं होगा। नरोत्तम ने व्यंगात्मक लहजे में कहा- नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर किन के हैं? ढोर के हैं।

गोविंद सिंह ने कहा कि भाजपा के विधायकों से 15-15 करोड़ के विकास कार्यों की सूची मांगी गई। विपक्ष के विधायकों का क्या दोष है?

विकास कार्यों की पट्टिकाओं पर कांग्रेस विधायकों के नाम नहीं लिखे जाते हैं। विपक्ष के विधायकों का अपमान किया जा रहा है।

 इस बात पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गोविंद सिंह को टोकते हुए कहा कि आपकी जानकारी सही नहीं है। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि संविदा और आउट सोर्स व्यवस्था को खत्म किया जाना चाहिए। प्रदेश में केंद्र सरकार आंकड़ों के अनुसार 1 करोड़ 30 लाख बेरोजगार हैं। 

श्री सिंह ने कहा कि गांव में किसान का बेटा, गरीब परिवार को बेटा पढ़ा-लिखा बेरोजगार है।

आज कम्प्यूटर इंजीनियर को 5 हजार की नौकरी करना पड़ रहा है। इसलिए हमारी मांग है कि रोजगार के लिए कुछ करो,  उन्होंने कहा कि बिजली बिल बढ़े हुए आ रहे हैं। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महाकाल के उद्घाटन में 12 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। चीते लाने में करोड़ों रुपए खर्च कर दिए। जबकि 5-6 हजार रुपये में चीते छूट जाते।

गोविंद सिंह ने पोषण आहार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि टेक होम राशन में करोड़ों रुपये खर्च किए गए। 100 क्विंटल मोटरसाइकिल पर बांट दिया गया।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना काल में चिरायु को 70 करोड़ रुपये दिए गए। एक ही अस्पताल को इतनी राशि क्यों दी गई? सरकारी अस्पतालों को यह राशि दी जाना चाहिए थी। 

चर्चा के दौरान कांग्रेस पर वार करते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 20 साल से आप विपक्ष में हो। ध्यान रखना अगले 20 साल और आप विपक्ष में रहोगे। हर चुनाव में हमें वोट ज्यादा मिले हैं।

सीट इन्हें ज्यादा मिल गई थी। फिर इन्होंने दिल बसपा का लगाया, सपा का फेफड़ा लगाया और निर्दलियों के अंग लगाकर सरकार बना ली।

सिंधिया जी का चेहरा दिखाकर वोट मांगे और भांवरें बुड्‌ढे आदमी से पड़वा दीं। इस पर बाला बच्चन ने कहा कि सिंधिया जी तो खुद चुनाव हार गए। अब सिंधिया जी का चेहरा लगाना और फिर देखेंगे।

 नेता प्रतिपक्ष के बाद सज्जन सिंह वर्मा ने सरकार पर आरोपों की बौछार की। उन्होंने कहा, हमारी ओर से 34 साथियों ने अपनी बात रखने का अनुरोध किया था, उन्हें बोलने का मौका मिलना चाहिए।

इस पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले- सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष को प्रणाम। हमें लग रहा था हरि की पौढ़ी में बैठकर कोई कथा कर रहा है। अविश्वास प्रस्ताव वो लेकर आए, हमारे नेता ने उसे स्वीकार किया।

सज्जन भाई ये अविश्वास आपके लिए है। आपके जो पहले नेता प्रतिपक्ष थे, वो आज सदन में नहीं हैं। ये अविश्वास नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ है, हमारे खिलाफ नहीं। सज्जन सिंह ने कहा, हमारा नेता प्रतिपक्ष दमदार है।

नरोत्तम बोले- आप कमलनाथ जी का नार्को टेस्ट करा लो, वो सज्जन भाई को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहते थे।

  नरोत्तम ने कहा- कांग्रेस के अध्यक्ष जब बोलते हैं, तो वे छिंदवाड़ा तक सीमित रहते हैं। नेता प्रतिपक्ष भिंड तक सीमित रहते हैं। वे आज थोड़ा बाहर निकले और चिरायु अस्पताल पहुंचे।

उन्होंने मरने वालों के बारे में बता दिया, लेकिन ये नहीं बताया कि उसी अस्पताल में 24 हजार लोग ठीक होकर निकले।

  मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज बुधवार 21 दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई।

प्रश्नकाल के बाद शुरू हुई अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा देर शाम तक जारी रही।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि आज कलेक्टर, एसपी विधायक का सम्मान नहीं कर रहे हैं। आज तंत्र प्रजा पर हावी हो गया है।

एक भी अधिकारी नियमों का पालन नहीं कर रहा है। विपक्ष के नेता के पत्रों पर कोई जवाब नहीं दिया जाता है।

प्रमुख सचिव को फोन लगाओ तो फोन नहीं उठाते। सिंह ने सरकार पर एक के बाद एक गंभीर आरोप लगाए। 

इस पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में कांग्रेस पीसीसी चीफ कमलनाथ के उपस्थित नहीं होने पर सवाल उठाए। मिश्रा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा महत्वपूर्ण चर्चा होती है। यह खुद अपने नेता प्रतिपक्ष पर अविश्वास है। 

मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के समय भ्रष्टाचार का तांडव था। 15 महीने में 15 हजार ट्रांसफर कर दिए थे। पुरुष, महिला के ट्रांसफर तो हर सरकार में होते हैं, लेकिन कमलनाथ सरकार में 46 कुत्तों के भी ट्रांसफर कर दिए गए। 

गोविंद सिंह ने कहा कि भाजपा के विधायकों से 15-15 करोड़ के विकास कार्यों की सूची मांगी गई। विपक्ष के विधायकों का क्या दोष है? विकास कार्यों की पट्टिकाओं पर कांग्रेस विधायकों के नाम नहीं लिखे जाते हैं। विपक्ष के विधायकों का अपमान किया जा रहा है। इस बात पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गोविंद सिंह को टोकते हुए कहा कि आपकी जानकारी सही नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि संविदा और आउट सोर्स व्यवस्था को खत्म किया जाना चाहिए। प्रदेश में केंद्र सरकार आंकड़ों के अनुसार 1 करोड़ 30 लाख बेरोजगार हैं। सिंह ने कहा कि गांव में किसान का बेटा, गरीब परिवार को बेटा पढ़ा-लिखा बेरोजगार है। आज कम्प्यूटर इंजीनियर को 5 हजार की नौकरी करना पड़ रहा है। इसलिए हमारी मांग है कि रोजगार के लिए कुछ करों। उन्होंने कहा कि बिजली बिल बढ़े हुए आ रहे हैं। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महाकाल के उद्घाटन में 12 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। चीते लाने में करोड़ों रुपए खर्च कर दिए। जबकि 5-6 हजार रुपये में चीते छूट जाते। गोविंद सिंह ने पोषण आहार का मुद्दा उठाते हुए कहा कि टेक होम राशन में करोड़ों रुपये खर्च किए गए।

100 क्विंटल मोटरसाइकिल पर बांट दिया गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कोरोना काल में चिरायु को 70 करोड़ रुपये दिए गए। एक ही अस्पताल को इतनी राशि क्यों दी गई? सरकारी अस्पतालों को यह राशि दी जाना चाहिए थी। 

 अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि यह सरकार कर्ज लेकर विज्ञापन पर खर्च कर रही हैं।

 40 करोड़ रुपये बीजेपी कार्यालय में कार्यकर्ताओं के खाने पर खर्च किए गए। 250 करोड़ विदेश यात्राओं पर खर्च किए गए।

12  अरब रुपये सरकारी विज्ञापन पर खर्च किए गए। पटवारी के आरोपों पर मंत्री ओपीएस भदौरिया भड़क गए। मंत्री अपनी सीट से उठकर आगे गए।

उनके इस व्यवहार पर विपक्ष ने आपत्ति जताई। स्पीकर ने भी ओपीएस भदौरिया के व्यवहार को गलत माना। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम  मिश्रा ने ओपीएस भदौरिया के व्यवाहार पर खेद प्रकट किया। 

कसरावद विधायक सचिन यादव ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सदन की अवमानना का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा में कृषि मंत्री ने कर्जमाफी को स्वीकार किया था तब बाहर और सदन में झूठ क्यों बोलते हैं कि कर्ज माफी नहीं हुई।

यादव ने अपने भाषण में कहा कि कृषि मंत्री कमल पटेल की पत्नी रेखा बाई का 45 हजार 428 रुपए ऋण माफ किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के परिजनों रोहित सिंह, निरंजन सिंह, कावेरी बाई, ताहिर सिंह समत अन्य लोगों का भ कर्ज माफ किया।

यादव ने सरकार पर खाद की कालाबाजरी को संरक्षण देने का बड़ा आरोप लगाया। 

बता दें कांग्रेस ने 51 मुद्दों पर 104 पेज का अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष को सोमवार को दिया था। जिसे मंगलवार को चर्चा के लिए स्वीकार किया गया।

आज अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में चर्चा होगी। इसमें पोषण आहार घोटाला, भर्तियों में गड़बड़ी, कारम डेम, किसान, खाद से लेकर अन्य मुद्दे शामिल हैं। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए आज समय दिया है।

इस पर आज चर्चा होगी। कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सदन में हम भाजपा के विकास और कांग्रेस की 15 महीने की सरकार के विनाश के काम गिनाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार सारगर्भित चर्चा के लिए तैयार हैं। 
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस चीफ कमलनाथ सिरोंज दौरे पर हैं। सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। इसको लेकर बीजेपी ने कमलनाथ पर तंज कसा है।

बीजेपी मीडिया विभाग के प्रभारी लोकेंद्र पराशर ने कमलनाथ को फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर तंज किया कि कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में है। पर इस समय मैं सिरोंज में हूं। 


वहीं, सदन में कांग्रेस चीफ कमलनाथ के उपस्थित नहीं होने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सवाल उठाए। मिश्रा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा महत्वपूर्ण चर्चा होती है।

यह खुद अपने नेता प्रतिपक्ष पर अविश्वास है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में नक्सली घर में घुसकर हत्या कर देते थे। आज किसी नक्सली में दम नहीं है कि सिर उठा ले।

पुलिस फोर्स नक्सलियों को मारती है, लेकिन कांग्रेस के नेता हौसला अफजाई तक नहीं करते। उन्होंने कहा कि सीएम शिवराज के आने के बाद डाकू गिरोह पूरी तरह खत्म हो गए। दिग्विजय सिंह की सरकार में जेल से डाकू भाग जाते थे। 

मिश्रा ने कहा कि सरकार 23 हजार एकड़ जमीन माफियाओं से मुक्त कराकर गरीबों के आवास बना रही है। इनके सीएम पंचम तल से नीचे नहीं उतरते थे। गणेश विसर्जन के दौरान बच्चे डूब कर मर गए, लेकिन नीचे नहीं उतरे।

मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के समय भ्रष्टाचार का तांडव था। 15 महीने में 15 हजार ट्रांसफर कर दिए थे। पुरुष, महिला के ट्रांसफर तो हर सरकार में होते हैं, लेकिन कमलनाथ सरकार में 46 कुत्तों के भी ट्रांसफर कर दिए गए। 

 

 



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