सुखविंदर सिंह सुक्खू क्यों चुने गए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री

राजनीति            Dec 10, 2022


 मल्हार मीडिया ब्यूरो।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चार बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री बनेंगे। कांग्रेस विधायक दल और हाईकमान ने सुक्खू के नाम पर मुहर लगा दी है।

सुक्खू के नाम का औपचारिक एलान भी हो गया है। मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का नाम था। प्रतिभा पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं। 

स्थानीय स्तर पर यह सवाल उठ रहे हैं कि मुख्यमंत्री पद के लिए प्रतिभा सिंह की बजाय सुखविंदर सिंह को क्यों चुना गया।

राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो उनके अनुसार पांच कारण हो सकते हैं जिनके कारण सुखविंदर को सीएम पद के लिए चुना गया।  

उपचुनाव नहीं चाहती पार्टी: कांग्रेस हाईकमान किसी भी हालत में अभी उपचुनाव नहीं चाहती है। सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायक चुने जा चुके हैं, जबकि प्रतिभा सिंह अभी सांसद हैं।

अगर प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाता, तो कांग्रेस को दो उपचुनाव कराने पड़ते। पहला विधानसभा और दूसरा मंडी लोकसभा सीट पर।

इस बार हिमाचल प्रदेश में हुए चुनाव में मंडी लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाली 17 में से 12 विधानसभा सीटों पर भाजपा की जीत हुई है। मतलब अगर उपचुनाव होते तो कांग्रेस को ये सीट हारने का डर था।

 वहीं, विधानसभा के अन्य सीटों पर भी जो जीत मिली है, वो बहुत कम मार्जिन से मिली है। ऐसे में उपचुनाव में भी हार का डर था।  

परिवारवाद के आरोपों को खारिज करना चाहती है पार्टी: कांग्रेस पर हमेशा से परिवारवाद का आरोप लगता रहा है। प्रतिभा सिंह के पति वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश में लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे।

उनके बेटे भी विधायक हैं और खुद प्रतिभा सिंह सांसद हैं। ऐसे में अगर प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाता तो एक बार फिर से कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगता।

जमीन और पहाड़ का ट्रेंड भी बदलना था: हिमाचल प्रदेश में हमेशा से पहाड़ से आने वाले को ही मुख्यमंत्री बनाया गया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर से ताल्लुक रखते हैं।

ऐसे में पार्टी हाईकमान इस ट्रेंड को भी बदलने की कोशिश में थी। अब सुखविंदर को सीएम बनाकर ये ट्रेंड बदल दिया गया।

प्रियंका गांधी के करीबी बन गए सुखविंदर: हिमाचल प्रदेश चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी ने शिमला में डेरा डाल रखा था। शिमला में स्थित अपने घर से वह पूरे चुनाव पर नजर बनाए हुईं थीं।

 इस दौरान सुखविंदर सिंह के साथ मिलकर उन्होंने चुनाव का पूरा एजेंडा सेट किया। सुखविंदर कैंपेन के प्रभारी थे। ऐसे में दोनों ने मिलकर पूरे चुनाव की रूपरेखा ही बदल डाली।  

हिमाचल प्रदेश से सटे पंजाब में इस बार कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा।

सत्ता तो हाथ से गई ही, साथ में सीटों में भी भारी नुकसान उठाना पड़ा। ऐसे में सुखविंदर सिंह सुक्खू के जरिए कांग्रेस पंजाब में भी अपनी पकड़ मजबूत बनाने की कोशिश करेगी।

 



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