मल्हार मीडिया इंदौर ब्यूरो।
मध्यप्रदेश की व्यवसायिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर शहर के एक अपर कलेक्टर ने अपने हाथों में एक नया काम लिया है। इस बार उन्होने कार्यालय परिसर से बाहर निकलकर शहर के लोगों से 'हाथ मिलाने' का ऐलान किया।
उन्होंने हाथ मिलाने का मतलब भी स्पष्ट कर दिया है। एडीएम का मकसद इंदौर से लुप्त होते नाटक मंचन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को हर शख्स के बीच जीवित करने का है। एडीएम कैलाश वानखेडे ने अपने सुझाव प्रशासन तक पहुंचाने का भी आग्रह किया है, ताकि कलाकारों को उचित मंच प्रदान किया जा सके।
इंदौर शहर संस्कृतिक नगरी के लिए प्रख्यात रहता था। लेकिन, अब धीरे—धीरे इस शहर से नाटक और सांस्कृतिक धरोहर खत्म सी होती जा रही है। इस बारे में समय-समय पर कलाकारों ने अपनी बात भी उचित मंचों पर रखी, मगर कहीं न कहीं राजनीतिक दलों से प्रतिबद्धता होने के कारण इसकी अनदेखी कर दी गई।
मगर, इस बार प्रशासन की ओर से खुद एक अधिकारी ने आगे बढ़कर इस मुद्दे को अपने संज्ञान में लिया है और इस दिशा में काम करने की मंशा जताई है। अपर कलेक्टर कैलाश वानखेडे ने अपने स्तर पर शहर की उन संस्थाओं से आग्रह किया है कि शहर में विलुप्त होते नाटक और और मंचन को जीवित करने के लिए और शहर को नाटक की नगरी बनाने के लिए अपने अपने सुझाव दें।
एडीएम कैलाश वानखेडे ने यह सुझाव लिखित मौखिक या अन्य किसी भी माध्यम से प्रशासन तक पहुंचाने का आग्रह किया है, ताकि इदौर के नाटक के कलाकारों को उचित मंच प्रदान किया जा सके।
प्रशासन की और से अपर कलेक्टर कैलाश वानखेडे ने नाट्य गतिविधियों को बढ़ाया देने तथा रंगकर्मियों के सुझाव के लिए एक बैठक 30 जून को शाम 5 बजे कलेक्टोरेट में आयोजित की गई है। रंगकर्म से जुड़े व्यक्ति संस्था के सदस्यों को बैठक में बुलाया गया है।
नि:शुल्क मंच देने का प्रयास
अपर कलेक्टर कैलाश वानखेड़े ने बताया कि शहर में नाटक के माध्यम से समाज को सुधारने के लिए कई प्रकार के संदेश दिए जा सकते हैं। नाटक एक ऐसा माध्यम है जो सामाजिक और अन्य क्षेत्रों में भी बदलाव ला सकता है। मगर दुखद बात यह है कि नाटक में रूचि रखने वाले कलाकारों को रिहर्सल के लिए कोई मंच नहीं मिलता है।
उन्हें किसी भी संस्था का हाल या मैदान लेना होता है तो उसका शुल्क भरना पड़ता है। इसलिए हमारा प्रयास होगा कि जो सुझाव आएंगे उसमें नाटक के कलाकारों को रिहर्सल के लिए नि:शुल्क मंच कहा उपलब्ध कराया जा सकता है यह तय करना है।
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