मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार की कमलनाथ कैबिनेट का आज गठन हो गया। राजभवन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसकी शुरुआत विजयलक्ष्मी साधौ से हुई। इसके बाद बाकी विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली।
कमलनाथ की कैबिनेट में जातिगत समीकरण, क्षेत्रीय सियासत और क्षत्रपों को संतुष्ट करने पर खास ध्यान दिया गया है। कैबिनेट में दो महिलाओं और एक अल्पसंख्यक नेता को जगह दी गई है। वहीं नर्मदा प्रसाद प्रजापति का नाम विधानसभा अध्यक्ष के लिए आगे बढ़ाया गया है।
जातिय समीकरण पर बात करें तो कमलनाथ की कैबीनेट में ठाकुर बाहुल्य है।
कैबिनेट में मुख्यमंत्री के दस करीबियों को जगह मिली है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खेमे के भी 9 विधायक भी कैबिनेट में जगह पाने में कामयाब रहे हैं।
वहीं चंबल-ग्वालियर रीजन में पार्टी को बड़ी जीत दिलाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से सात विधायकों को इस कैबिनेट में मौका मिला है। इसमें प्रद्युम्न सिंह तोमर, तुलसी सिलावट के नाम अहम हैं।
कमलनाथ के मंत्रिमंडल में दो महिलाओं और एक अल्पसंख्यक विधायक को भी जगह दी गई है। डॉ. वियजलक्ष्मी साधो और इमरती देवी को मंत्री बनाया गया, वहीं भोपाल से अल्पसंख्यक विधायक आरिफ अकील को भी मंत्री बनाया गया है। इनमें एक निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल को भी मंत्री बनाया गया है।
मंत्रिमंडल गठन के लिए कमलनाथ ने सभी क्षेत्रों और वर्गों को ध्यान में रखा गया, लेकिन फिर भी मालवा-निमाड़ से सबसे ज्यादा 8 और विंध्य से 2 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। 17 ऐसे विधायक भी इनमें शामिल हैं जो पहली बार मंत्री बनाए गए हैं।
कमलनाथ की कैबिनेट में सबसे बड़ा महिला चेहरा विजयलक्ष्मी साधौ का है। वो पांच बार की विधायक हैं। इस बार भी उन्होंने महेश्वर सीट से जीत दर्ज की थी। साधौ के अलावा सज्जन सिंह वर्मा ने भी आज मंत्री पद की शपथ ली। इस बार वो सोनकच्छ सीट से चुनाव जीते हैं और अनुसूचित जाति के बड़े नेता माने जाते हैं।
उन्हें मुख्यमंत्री कमलनाथ का करीबी माना जाता है। वो दिग्विजय सिंह की सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा वो सांसद भी रह चुके हैं और पार्टी में राष्ट्रीय सचिव की बड़ी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। मालवा-निमाड़ की राजनीति में उनका बड़ा नाम है।
शपथ ग्रहण के बाद नए-नए मंत्रियों ने प्रदेश विकास के साथ ही पार्टी के वचन पत्र में किए गए वादों को पूरा करने की बात दोहराई।
इसके अलावा हुकूम सिंह कराड़ा ने भी पद और गोपनीयता की शपथ ली। वो शाजापुर से विधायक हैं। इसके अलावा डॉ गोविंद सिंह, जो सात बार के विधायक हैं। उन्होंने भी आज मंत्री पद की शपथ ली। उन्हें विधानसभा अध्य़क्ष बनाने की चर्चा चल रही थी। गोविंद सिंह की पहचान बड़े सहकारी नेता के तौर पर है। वो भी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
उमंग सिंघार- गंधवानी से तीसरी बार चुनाव जीते हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री जमुना देवी के भतीजे हैं और दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाते हैं।
मंत्रियों की पूरी सूची इस प्रकार है
विजयलक्ष्मी साधौ
- सज्जन सिंह वर्मा
- हुकुम सिंह कराड़ा
- डॉ गोविन्द सिंह
- बाला बच्चन
- आरिफ अकील
- बृजेंद्र सिंह राठौर
- प्रदीप जायसवाल
- लाखन सिंह यादव
- तुलसीराम सिलावट
- गोविंद सिंह राजपूत
- इमरती देवी
- ओमकार सिंह मरकाम
- डॉ प्रभुराम चौधरी
- प्रियव्रत सिंह
- सुखदेव पांसे
- उमंग सिंघार
- हर्ष यादव
- जयवर्धन सिंह
- जीतू पटवारी
- कमलेश्वर पटेल
- लखन घनघोरिया
- महेंद्र सिंह सिसौदिया
- पीसी शर्मा
- प्रद्युमन सिंह तोमर
- सचिन सुभाष यादव
- सुरेंद्र सिंह बघेल
- तरुण भनोट
ने ली मंत्री पद की शपथ।
इस कैबीनेट की खासियत है इसमें ठाकुर बाहुल्य है। इसका अर्थ यह कि मंत्रिमंडल गठन में दिग्विजय सिंह की चली है।
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