मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने कल 8 फरवरी, बुधवार को अपने बैतूल प्रवास के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत के नियम विरूद्व बैतूल जेल में प्रवेश पर घोर आपत्ति जताई है। कहा है कि श्री भागवत किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं हैं और जिस संघ परिवार के प्रमुख के तौर पर उनकी पहचान है। वह संघ 91 वर्षों बाद भी अपनी संस्था का पंजीयन तक नहीं करवा पाया है और न ही राष्ट्रीय, प्रादेशिक, संभाग, जिला अथवा ब्लाक स्तर तक किसी भी प्रकार की सदस्यता का उसमें प्रावधान है। इस स्थिति में जेल मेन्युअल का उल्लंघन करते हुए जेल के भीतर उनका प्रवेश अनाधिकृत एवं गैरकानूनी है, जिस पर रोक लगाई जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि श्री भागवत अपने सात दिवसीय प्रदेश प्रवास के दौरान कल 8 फरवरी, बुधवार को बैतूल जेल के भीतर प्रवेश कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या में आरोपित पूर्व संघ प्रमुख माधव सदाशिव गोलवलकर, जो 13 फरवरी, 1949 से 13 जुलाई 1949 तक बैतूल जेल में बंद थे, उस कक्ष में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश कर, उनका पूजन/ स्मरण करेंगे। श्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश जेल मेन्युअल में उल्लेखित प्रावधानों के तहत किसी भी सजायाफ्ता अथवा न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध विचाराधीन कैदियों से मुलाकात का प्रावधान है, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति जिसका कोई सगा-संबंधी, मित्र, रिश्तेदार जेलर/ जेल अधीक्षक की पूर्व अनुमति से निर्धारित स्थान व तय समय सीमा में मुलाकात कर सकता है। जेल के किसी भी कक्ष में जेल मेन्युअल के अनुसार निरीक्षण/ प्रवेश करने की शक्ति केवल जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को ही प्राप्त है। न्यायालय द्वारा इस संबंध में किसी व्यक्ति को अधिकृत करने पर वह प्रवेश कर सकता है या जिला दंडाधिकारी की अनुमति से पुलिस प्रशासन को सर्च/ विशेष तलाशी के लिए इस प्रवेश की अनुमति प्राप्त है। अब मोहन भागवत बतायें कि वे इनमें से किस श्रेणी में शामिल हैं?
श्री मिश्रा ने बैतूल जिला प्रशासन और जेल प्रमुख को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि वे अपने पदों पर बने रहने के लिए राज्य सरकार के दबाव में प्रदेश के जेल मेन्युअल के विपरीत आचरण से बचें, अन्यथा उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।
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