मल्हार मीडिया ब्यूरो।
हिमाचल प्रदेश के रणजी टीम के तेज गेंदबाज सिद्धार्थ भारद्वाज (27) का अचानक स्वास्थ्य बिगड़ने से वीरवार रात को निधन हो गया है। गुजरात के बड़ौदा स्थित एक अस्पताल में युवा क्रिकेटर ने अंतिम सांस ली।
शुक्रवार को शव बड़ौदा से एयरलिफ्ट कर चंडीगढ़ लाया गया। यहां से पैतृक गांव ऊना जिले के बसदेहड़ा में शव पहुंचाकर दोपहर बाद 2:00 बजे विभौर साहिब में अंतिम संस्कार किया गया।
बताया जा रहा है कि सिद्धार्थ की किडनी और अन्य अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। वहीं, परिजनों का आरोप है कि उन्हें मौत के सही कारणों की जानकारी नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि हमारा बेटा किसी साजिश का शिकार हुआ है, मैचों में चयन को लेकर भी बेटा तनाव में था। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कुछ स्पष्ट हो पाएगा।
सिद्धार्थ हिमाचल की रणजी टीम में शामिल थे। अभी चल रही रणजी ट्रॉफी में सिद्धार्थ हिमाचल के लिए खेल रहे थे।
शुरुआती दो मैचों में उन्होंने 13 विकेट झटके थे। 13 से 16 दिसंबर को पहला मैच हिमाचल ने हरियाणा के खिलाफ रोहतक में खेला। इसमें सिद्धार्थ ने छह विकेट लिए थे। दूसरा मैच 20 से 23 दिसंबर को कोलकाता के ईडन गार्डन में हुआ।
इसमें सात विकेट लिए। 27 से 30 दिसंबर को देहरादून में उत्तराखंड के साथ हुए तीसरे मैच के दौरान सिद्धार्थ को बुखार हो गया और उन्होंने मैच नहीं खेला।
3 से 6 जनवरी के बीच गुजरात के साथ बड़ौदा में हुए चौथे मैच के दौरान भी सिद्धार्थ की तबीयत ज्यादा बिगड़ने से वह टीम में शामिल नहीं हुए। हालांकि इस दौरान सिद्धार्थ टीम के साथ बड़ौदा में ही थे।
बताया गया है कि इसी दौरान उन्हें कुछ दर्द का एहसास हुआ। टीम प्रबंधन ने उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया।
यहां उपचार के दौरान सिद्धार्थ की तबीयत और अधिक बिगड़ती गई। करीब नौ दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद वीरवार रात को सिद्धार्थ का निधन हो गया।
नगर परिषद मैहतपुर बसदेहड़ा के रणजी क्रिकेटर सिद्धार्थ भारद्वाज की वडोदरा में हुई मौत पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि मौत की असली वजह का पता नहीं चल पाया है।
शुक्रवार को दोपहर करीब 12:00 बजे सिद्धार्थ का शव बसदेहडा पहुंचा तो हर आंख नम हो गई। शुक्रवार को दोपहर करीब 2:00 बजे इस उभरते सितारे का विभोर के सतलुज घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।
युवा क्रिकेटर की मां शशि और पिता प्रवीण भारद्वाज इस घटना से टूट गए हैं।
लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि पूरी तरह से फिट युवा नौजवान क्रिकेटर सिद्धार्थ को अचानक ऐसा क्या हुआ कि उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया।
ताया श्याम भारद्वाज ने बताया कि सिद्धार्थ इस बात को लेकर कई दिनों से बेचैन था कि उसे आगे बढ़ने का अवसर नहीं दिया जा रहा।
मृतक सिद्धार्थ के परिजनों का कहना है कि उनके बेटे के खिलाफ साजिश हुई है। परिजन सिद्धार्थ की शादी पर विचार कर रहे थे। हालांकि शादी तय नहीं हुई थी।
मृतक सिद्धार्थ के परिजनों का कहना है कि क्रिकेट का जुनून बचपन से ही था और वह इस मुकाम पर अपने दम पर पहुंचा। खबर को सुनकर कनाडा से लौटे उनके छोटे भाई सिद्धांत ने शव को मुखाग्नि दी।
प्रदेश क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव सुमित शर्मा ने कहा कि गेंदबाज सिद्धार्थ भारद्वाज का आकस्मिक निधन दुखदायी है।
उन्होंने सिद्धार्थ भारद्वाज को एक खिलाड़ी के चोटिल होने पर विजय हजारे क्रिकेट ट्रॉफी में खेलने का मौका दिया था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। सुमित शर्मा के अनुसार विजय हजारे ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन शानदार रहा था।
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