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कपिल देव और धोनी से क्यों नाराज रहते हैं योगराज सिंह

स्पोर्टस            Sep 03, 2024


ओम प्रकाश।

योगराज सिंह फेल्ड क्रिकेटर हैं. वह न इंटरनेशनल क्रिकेट में चमके और न ही डोमेस्टिक में. उनके साथ टेस्ट डेब्यू करने वाले क्रिकेटर नेशनल टीम के सिलेक्टर और टीम इंडिया के हेड कोच बने.

योगराज सिंह के साथ खेल चुके साथी खिलाड़ी बीसीसीआई प्रेसीडेंट तक बने, लेकिन उनके नाम सिफर रहा. मैच रेफरी के रूप में वह अब तक सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से आगे नहीं जा पाए हैं. योगराज को राजनीति में भी सफलता नहीं मिली.

साल 2009 में वह हरियाणा विधान सभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोक दल के टिकट पर पंचकुला सीट से लड़े, जहां उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र कुमार बंसल ने पटक दिया. योगराज को पंजाबी फिल्मों में सफलता मिली जिनमें वह आज भी सक्रिय हैं. इसके अलावा उनके पास गर्व करने के लिए उनके बेटे युवराज सिंह हैं.

खैर! युवी पर योगराज के अलावा पूरी दुनिया के क्रिकेट फैंस को फख्र है. युवराज जैसे क्रिकेटर कभी-कभार जन्म लेते हैं. देश को धुआंधार क्रिकेटर देने के लिए योगराज सिंह को सहृदय धन्यवाद. ऐसे बेटे पर हर पिता को नाज होना लाजिमी है. योगराज अक्सर अपनी असफलता को युवराज सिंह की सफलता में तौलते हैं.

योगराज को कपिल देव से खुन्नस है. योगराज उम्र में कपिल देव से बड़े, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में जूनियर हैं. क्रिकेट ऐसा खेल है जिसमें हर क्रिकेटर आगे निकलना चाहता है. योगराज और कपिल हरियाणा के लिए क्रिकेट खेले हैं. हो सकता तभी से दोनों के बीच प्रतिस्पर्धा रही हो. दोनों फास्ट बॉलर थे. कपिल ने 1978 में टेस्ट डेब्यू किया. योगराज को करीब तीन साल इंतजार करना पड़ा.

योगराज का टेस्ट डेब्यू 1981 में न्यूजीलैंड में हुआ. उनके डेब्यू टेस्ट में कपिल देव भी भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे. अपने डेब्यू टेस्ट में योगराज ने एक विकेट लिया, वहीं कपिल देव ने सात विकेट चटकाए. योगराज का पहला टेस्ट आखिरी साबित हुआ, वहीं कपिल देव ने 131 टेस्ट खेले. इसके अलावा योगराज का वनडे करियर भी बहुत जल्दी खत्म हो गया. उन्होंने भारत के लिए सिर्फ 6 वनडे खेले.

और तो और योगराज के डेब्यू वनडे में कपिल देव प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे. कपिल देव ने भारत के लिए 225 वनडे खेले हैं. जब साथ खेला हुआ खिलाड़ी आगे निकल जाता है तो जलन होती है. हो सकता कपिल देव ने योगराज को सपोर्ट न किया हो. जिसके चलते वह कपिल देव से ईर्ष्या करते हैं. वह कहते हैं कि कपिल के पास एक ट्रॉफी है युवराज सिंह के पास 13 ट्रॉफी हैं.

योगराज सिंह पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम लेते ही भड़क जाते हैं. वह कहते हैं कि यूवी का करियर धोनी ने बर्बाद कर दिया, नहीं तो युवराज 4-5 साल और खेलते. योगराज सिंह युवराज को 2015 वर्ल्ड कप में खेलते हुए देखना चाहते थे. वहीं, युवराज की मंशा 2019 वर्ल्ड कप खेलने की थी. यही वजह थी कि युवराज ने 2019 वर्ल्ड की टीम घोषणा के बाद रिटायरमेंट लिया था. युवराज को 2015 विश्व कप टीम में क्यों नहीं चुना गया? अब जरा आंकड़े देखिए. युवराज ने 3 अप्रैल 2011 से लेकर 31 जनवरी 2015 तक 19 वनडे में 18.53 के औसत से 278 रन बनाए थे. शायद इसी बात को ध्यान में रखते हुए सिलेक्टर्स ने युवराज को वर्ल्ड कप टीम में शामिल नहीं किया था. इसमें धोनी की भी सहमति रही होगी. हर कप्तान विनिंग टीम चाहता है. इस बीच युवराज के कम न बनाने की वजह उनकी कैंसर की बीमारी रही. इलाज के चलते युवराज लंबे समय तक टीम से बाहर रहे.

योगराज सिंह को इस बात का गम है कि युवराज को कप्तान नहीं बनाया गया. वह कहते हैं कि उनके बेटे के कप्तान बनने की बारी थी और कैप्टन बन गए धोनी. दरअसल धोनी को कप्तान बनाने का प्रस्ताव सचिन तेंदुलकर का था. जिस पर टीम और मैनेजमेंट ने अमल किया. इसके लिए योगराज को धोनी को नहीं सचिन को गाली देना चाहिए. लेकिन योगराज सचिन को नहीं गरियायेंगे. उलटे वह सचिन के बेटे अर्जुन तेंदुलकर के मेंटॉर बन जाते हैं.

योगराज पूर्व कप्तान विराट कोहली की भी आलोचना करते हैं. उनका कहना है कि विराट ने युवराज को सपोर्ट नहीं किया.

दरअसल 2011 विश्व कप के बाद से युवराज के बल्ले से रन निकलना कम हो गए थे. 3 अप्रैल 2011 से लेकर 30 जून 2017 तक युवराज ने 30 वनडे में 27.08 के औसत से 650 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने एक शतक और दो अर्धशतक लगाए.

इसके अलावा 2013 के बाद टी20 इंटरनेशनल में भी युवराज के बल्ले से रन आना कम हो गए. युवी ने 2014 में 6 टी20 इंटरनेशनल मैच में 100 रन, 2016 में 16 मैचों में 166 रन और 2017 में 3 मैचों 43 रन बनाए. इन आंकड़ों से पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में युवराज सिंह से रन नहीं बन रहे थे. जिसके चलते उन्हें टीम से ड्रॉप किया गया. योगराज सिंह को इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए. इसके लिए धोनी और विराट जिम्मेदार नहीं हैं.

लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार हैं

 

 


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