अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारतीय अंपायरों की भागीदारी कम क्यों है

स्पोर्टस            Oct 17, 2022


ओम प्रकाश।

बीसीसीआई भारतीय अंपायरों को सपोर्ट नहीं करता है. यही वजह है अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारतीय अंपायरों की भागीदारी कम है.

कुछ ऐसा ही हाल मैच रेफरीज का भी है. एस वेंकटराघवन समेत दर्जनों भारतीय अंपायर इंटरनेशनल क्रिकेट में अंपायरिंग कर चुके हैं.

जब हम आईसीसी के एलीट पैनल में शामिल भारत के अंपायरों पर नजर डालते हैं तो शर्मिंदा होना पड़ता है.

क्रिकेट इतिहास खंगालने पर पता चलता है कि अब तक भारत के सिर्फ तीन अंपायर वेंकटराघवन, सुंदरम रवि और नितिन मेनन आईसीसी के एलीट पैनल में शामिल किए गए हैं.

भारतीय अंपायरों के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रतिनिधित्व के मामले में हम इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया से काफी पीछे हैं. ये तब है जब भारत क्रिकेट का सबसे बड़ा बाजार है.

ऑस्ट्रेलिया में चल रहे पुरुष टी20 विश्व कप में भारत के अंपायर नितिन मेनन को शामिल किया गया है. नितिन आईसीसी के एलीट पैनल में हैं. उनके अलावा भारत के किसी भी अंपायर को विश्व कप में जगह नहीं दी गई है.

मौजूदा समय में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के एलीट पैनल पर नजर डाली जाए तो इंग्लैंड के तीन अंपायर (माइकल गफ, रिचर्ड इलिंगवर्थ, रिचर्ड कैटलबरो) ऑस्ट्रेलिया के 2 (पॉल राइफल, रॉड टकर) शामिल हैं.

इसके अलावा पाकिस्तान के अलीम डार, न्यूजीलैंड के क्रिस्टोफर गैफनी, श्रीलंका के कुमार धर्मसेना, साउथ अफ्रीका के मैरास इरासमस, भारत के नितिन मेनन और वेस्टइंडीज के जोएल विल्सन भी इस सूची में हैं.

यानी इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को छोड़ दिया जाए तो बाकी देशों से सिर्फ एक-एक अंपायर आईसीसी के एलीट पैनल में है.

अंपायरों की दो कैटेगरी होती हैं. पहली आईसीसी एलीट पैनल ऑफ अंपायर्स. दूसरी आईसीसी इंटरनेशनल पैनल ऑफ अंपायर्स.

दूसरी कैटेगरी में टेस्ट खेलने वाले सभी 12 देशों से अधिकतम 4 अंपायर चुने जाते हैं. आईसीसी इंटरनेशनल पैनल ऑफ अंपायर्स पर गौर करें तो अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इंग्लैंड, भारत, आयरलैंड, पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, वेस्टइंडीज और जिम्बॉब्वे से 4-4 अंपायर हैं. जबकि न्यूजीलैंड की तरफ से इस कैटेगरी में तीन अंपायर शामिल हैं.

पाकिस्तान के अंपायर एहसान रजा दूसरी श्रेणी आईसीसी इंटरनेशनल पैनल ऑफ अंपायर्स में हैं.

उनके अलावा फैसल खान अफरीदी, मुहम्म्द आसिफ याकूब और राशिद रियाज वकार भी इसी कैटेगरी में हैं.

इसी तरह अंपायरों की दूसरी कैटगरी में भारत के जयरामन मदनगोपाल, अनिल चौधरी, वीरेंद्र शर्मा और केएन अनंतपद्मनाभन हैं.

मजेदार बात पाकिस्तान के एहसान रजा दूसरी कैटेगरी में शामिल होने के बावजूद आईसीसी टी20 विश्व कप 2022 में अंपायरिंग करेंगे.

वहीं भारत की तरफ से इस कैटेगरी से किसी भी अंपायर को वर्ल्ड कप में अंपायरिंग के लिए नहीं चुना गया है.

जबकि आस्ट्रेलिया के पॉल विल्सन, न्यूजीलैंड के क्रिस ब्राउन, साउथ अफ्रीका के एड्रियन होल्डस्टॉक और जिम्बॉब्वे के लैंग्टन रुसर अंपायरों की दूसरी कैटेगरी आईसीसी इंटरनेशनल पैनल ऑफ अंपायर्स में हैं.

लेकिन ये सभी अंपायर टी20 विश्व 2022 के दौरान अंपायरिंग करते नजर आएंगे.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दूसरे देशों के मुकाबले भारतीय अंपायरों का कार्यकाल छोटा रहा है. इंटरनेशनल क्रिकेट में भारतीय अंपायरों का करियर 11 से 13 साल में समाप्त हो जाता है. भारत की तरफ से एवी जयप्रकाश 13 साल, वेंकटराघवन 11 साल, अमित सहेबा 11 साल, एस रवि 11 साल और चेट्टीथोडी शमशुद्दीन ने 8 साल तक अंपायरिंग की.

सिर्फ वीके रामास्वामी ऐसे भारतीय अंपायर हैं जिन्होंने 19 साल तक अंपायरिंग की. जबकि पाकिस्तान के अलीम डार 22 साल से अंतरराष्ट्रीय अंपायरिंग में सक्रिय हैं।

अंपायरों की तरह मैच रेफरीज की भी दो कैटेगरी हैं,  पहली आईसीसी एलीट पैनल ऑफ मैच रेफरीज. दूसरी इंटरनेशनल पैनल ऑफ आईसीसी मैच रेफरीज.

जवागल श्रीनाथ आईसीसी एलीट पैनल के मैच रेफरी हैं. पहली कैटेगरी में ऑस्ट्रेलिया के डेविड बून, इंग्लैंड के क्रिस ब्रॉड, न्यूजीलैंड के जैफ क्रो, श्रीलंका के रंजन मदुगले, जिम्बॉब्वे के एंड्रयू पायक्रॉफ्ट और वेस्टइंडीज के रिची रिचर्डसन हैं.

श्रीनाथ चौथे सबसे अनुभवी मैच रेफरी हैं,  वह अब तक 229 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में मैच रेफरी की भूमिका निभा चुके हैं.

श्रीनाथ साल 2006 से मैच रेफरी हैं. पायक्रॉफ्ट 200 इंटरनेशनल मैचों में मैच रेफरी रहे हैं. वह श्रीनाथ से तीन साल जूनियर भी हैं.

पायक्रॉफ्ट टी20 विश्व कप 2022 में डेविड बून, क्रिस ब्रॉड और रंजन मदुगले के साथ मैच रेफरी की भूमिका निभाएंगे जबकि श्रीनाथ बाहर हैं.

श्रीनाथ से पहले भारत की तरफ से कोई बहुत मशहूर मैच रेफरी भी नहीं रहा.

मंसूर अली खान पटौदी 10 मैच, हनुमंत सिंह 54 और गुंडप्पा विश्वनाथ 78 अंतरराष्ट्रीय मैचों में रेफरी रहे.

एक अन्य भारतीय मैच रेफरी मनु नय्यर बीते 5 साल से सक्रिय हैं,  नय्यर कितने समय तक टिकते हैं यह देखने वाली बात होगी.

फिलहाल मनु नय्यर दूसरी श्रेणी इंटरनेशनल पैनल ऑफ आईसीसी मैच रेफरीज में शामिल हैं,  जहां उनके समकक्ष वी नारायण कुट्टी और जीएस लक्ष्मी हैं.

लेखक क्रिकेट के जानकार हैं।

 

 



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