मल्हार मीडिया भोपाल।
“साहित्य समाज को दिशा देता है : विश्वास सारंग”
“साहित्य समाज को दिशा देने का कार्य करता है। महिला लेखिकाएँ अपनी रचनाओं से समाज को नई दिशा दे रही हैं” यह विचार सहकारिता एवं खेल मंत्री विश्वास सारंग ने हिंदी लेखिका संघ मध्यप्रदेश के 30वें स्थापना दिवस समारोह में व्यक्त किए।
आपने प्रदेश की लेखिकाओं को रचना कर्म में प्रोत्साहित करने के लिए संस्था को बधाई दी।
इसके पूर्व संघ की अध्यक्ष डॉ साधना गंगराड़े ने स्वागत भाषण में महिलाओं की साहित्य सृजन कर्म में निरंतरता एवं रचना धर्मिता बताते हुए संस्था के 30 वर्षों की उपलब्धियों एवं अवदान को रेखांकित किया।
विशिष्ट अतिथि पद्म श्री विजयदत्त श्रीधर ने कहा साहित्य में आत्मावलोकन होता है जो महिलाएं अच्छा लेखन कार्य कर रही है उन्हें समुचित प्रोत्साहन मिले।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ वीणा घाणेकर ने कहा महिला लेखन आकाश की ऊंचाइयां सागर की गहराइयों को नाप रही है।
इस अवसर पर छह पुस्तकों का विमोचन हुआ, जिनमें डॉ. साधना शुक्ला का काव्य संग्रह पारमिता, डॉ. नीलिमा रंजन की समीक्षा पुस्तक आपने बुनी हमने गुनी, मधुलिका सक्सेना की लघुकथा एक ही कश्ती पर सवार, कमल चंद्रा का लघुकथा संग्रह बूँद बूँद बातें, मधुलिका श्रीवास्तव का उपन्यास अंतर कथा तथा बबीता चतुर्वेदी ‘रिमझिम’ का काव्य संग्रह अंजुरी भर अक्षर शामिल हैं।
इसके साथ ही लेखिका संघ द्वारा भोपाल शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय शालाओं में भाषण एवं कविता प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र दिए गए। रचना शिविर की विजेता बहनों का भी सम्मान हुआ।
कार्यक्रम में सरस्वती वंदना प्रस्तुति मांडवी सिंह ने की। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन कीर्ति श्रीवास्तव एवं आभार डॉ वर्षा चौबे ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम में संस्था की पूर्व अध्यक्ष उपस्थित थी समारोह में बड़ी संख्या में साहित्यकार, लेखिकाएँ और विद्यार्थी उपस्थित रहे। आयोजन ने महिला लेखन की रचनात्मक ऊर्जा को नई दिशा दी।
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