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डूबने से बचाने का संकल्प'मंदार-एंड-नो-मोर मिशन

यंग इंडिया, राज्य            Mar 21, 2017


मल्हार मीडिया।
जलाशयों में डूबने से हो रही मौत की घटनाओं पर मंदार-एंड-नो-मोर मिशन के तहत पिछले दो वर्ष से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। यह सार्थक अभियान है। कहा जाता है कि यदि आपका संकल्प शुभ हो प्रकृति भी आपके संकल्प को पूरा करने में मदद करती है। इस अभियान से जुड़े लोगों का संकल्प शुभ है, इसलिए सफलता सुनिश्चित है। युवाओं के बीच में इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम समय की आवश्यकता है। यह विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने व्यक्त किए। अवसर था 'मंदार-एंड-नो-मोर संकल्प दिवस' के आयोजन का। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया।

भोपाल मैनेजमेंट एसोसिएशन एवं रोटरी क्लब ईस्ट भोपाल के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों और समाज के गणमान्य नागरिकों ने जलाशयों में डूबकर होने वाली मौतों को रोकने के लिए संकल्प लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. कुठियाला ने कहा कि युवाओं को सीट बेल्ट और हेलमेट के उपयोग के प्रति भी जागरूक करने की आवश्यकता है। यदि लोगों को जागरूक किया जाए तो बहुत-सी दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। एक सभ्य समाज को असमय होने वाली मृत्यु को रोकने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने मंदार-एंड-नो-मोर अभियान की सराहना की और उसके विस्तार की बात भी कही। इस अवसर पर बेंड जोइंट्स प्रा.लि. के अध्यक्ष उत्तम गांगुली ने कहा कि कितने दुर्भाग्य की बात है कि हम पुलिस के चालान से बचने के लिए हेलमेट पहनते हैं, अपना और अपने स्वजनों का जीवन बचाने के लिए हेलमेट नहीं अपनाते हैं।

इसके साथ ही उन्होंने जलाशयों में होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने पर भी अपने विचार व्यक्त किए। वहीं, मंदार के पिता विश्वास घुषे ने इस अभियान की यात्रा और उसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह समाज का अभियान है। यही कारण है कि आज मंदार की दूसरी पुण्यतिथि पर न केवल भारत में बल्कि पूरे देश में अनेक स्थानों पर जलाशयों में होने वाली दुर्घटनाओं के संबंध में संकल्प दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर निशेष बेग ने मंदार की स्मृति में कविता सुनाई और मंदार के दोस्तों ने एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में रोटरी क्लब ईस्ट भोपाल के सचिव मनोज झा भी उपस्थित थे। स्वागत भाषण अभिभाषक जीके छिब्बर ने दिया, जबकि कार्यक्रम का संचालन आमेर ने किया।



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