तो अन्नदाता फिर दौड़े सरकारें कुम्भकर्णी नींद से जाग जावे
मेन स्ट्रीम मीडिया के सभी कलमकार काश ऐसे हो जाये तो किसान अन्नदाता बनकर फिर से दौड़े और आँख पट्टी बांधे सरकारें कुम्भकर्णी नींद से जाग जावे! राज्यसभा टीवी वरिष्ठ संवाददाता साभार:Arvind K Singh
दिल्ली आए तमिलनाडु के किसानों को 1 अप्रैल को आज 20 दिन हो गये। तमिलनाडु 150 साल के सबसे भयावह सूखे से जूझ रहा है, लेकिन जो मदद मिली भी है वह ऊंट के मुंह में जीरे की तरह। किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। तमिलनाडु के किसानों को अभी तक वहीं के नेताओं का समर्थन मिल रहा था लेकिन अब दायरा व्यापक होने लगा है। उत्तर प्रदेश से भी किसान उनकी मदद को आगे आ रहे हैं। किसानों का कहना है कि भले ही प्राण जाय लेकिन यह जंग जीत कर जाएंगे वे। आशीष सागर के फेसबुक वॉल से।