मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने एमपी हाई कोर्ट के डबल बेंच के उस फैसले पर मुहर लगा दी है, जिसके तहत यह अभिनिर्धारित किया गया था कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की चयन प्रक्रिया के प्रत्येक चरण में आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में शामिल करें.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एमपी हाई कोर्ट के दो डिवीजन बेंच के परस्पर विरोधाभासी फैसले का पटाक्षेप कर दिया.
प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किए जाने से सम्बंधित डिवीजन बेंच क्रमांक-दो के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि अगर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने कोई छूट प्राप्त नहीं की है, तो भर्ती के प्रत्येक चरण में अनारक्षित वर्ग में उन्हें शामिल किया जाएगा.
शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4 (4) को परिभाषित करते हुए कहा कि आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियों को अंतिम स्टेज में शामिल किया जाना असंवैधानिक है.
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