डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी।
भारत और पाकिस्तान की सीमाओं पर ही तनाव नहीं है। तनाव क्रिकेट में ही है। पुलवामा आतंकी हमले के बाद इस तरह की मांग हो रही है कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट न खेला जाएं। आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को पहले से ही प्रतिबंध किया जा चुका है।
भारतीय कंपनी ने दुबई में होने वाली पाकिस्तान सुपर लीग के मैचों का प्रसारण रोक दिया था, जिसके विरोध में अब पाकिस्तान ने इंडियन प्रीमियर लीग के मैचों पर रोक लगा दी है। ये बातें ऊपर से जितनी साफ नजर आती है, उतनी साफ है नहीं। दरअसल इसके पीछे क्रिकेट में लगने वाला अपार धन है।
इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट मैचों पर रोक
पाकिस्तान ने दो अप्रैल को इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट मैचों पर रोक लगा दी। उसके बाद पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर आईपीएल के मैच दिखना बंद हो गए। पाकिस्तान ने कहा कि आईपीएल के कारण पाकिस्तान के क्रिकेट को संगठित तरीके से नुकसान पहुंचाया जा रहा था।
एक पत्रकारवार्ता में पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि आईपीएल पर रोक लगाने का फैसला पूर्व क्रिकेटर और पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में लिया गया। उन्होंने कहा कि भारत में पाकिस्तान के क्रिकेट को बर्बाद करने में कोई कसर कभी नहीं छोड़ी।
भारत ने साजिश के तहत संगठित रूप से पाकिस्तानी क्रिकेट को नुकसान पहुंचाने का अभियान चलाया, जिसके बाद भारतीय घरेलू टीमों के इस टुर्नामेंट को पाकिस्तान में दिखाने की अनुमति देने का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि जब पाकिस्तान सुपर लीग के मैच दुबई में हो रहे थे, तब भारत ने जान बूझकर उनका प्रसारण रोका।
पाकिस्तान सुपर लीग के मैचों का प्रसारण रोक दिया
इंडियन प्रीमियर लीग की नकल पर बनी पाकिस्तान सुपर लीग के चौथे एडिशन के मैच 14 फरवरी से 17 मार्च तक दुबई में खेले गए थे। 14 फरवरी को ही पुलवामा में आतंकी हमला किया गया।
इसमें 40 से अधिक भारतीय सुरक्षाकर्मी शहीद हुए। पाकिस्तान के समर्थन से हुई इस करतूत के विरोध में आईएमजी रिलायंस ने पाकिस्तान सुपर लीग के मैचों का प्रसारण रोक दिया। आईएमजी रिलायंस को पीएसएल के मैचों के प्रसारण के वैश्विक अधिकार थे।
पीएसएल मैचों के प्रसारण रुकने से पाकिस्तानी क्रिकेट को भारी झटका लगा। पीएसएल के मैच पाकिस्तान में तो होते नहीं, क्योंकि वहां न तो इतने दर्शक होते है और न ही प्रसारण से कोई भारी कमाई होती है।
पाकिस्तान का कहना है कि हमारी सरकार यह विचार रखती है कि खेल और संस्कृति को राजनीति से अलग रखना चाहिए। भारत ने पाकिस्तान के कलाकारों पर तो रोक लगा ही रखी है। क्रिकेटरों पर भी रोक लगा रखी है।
पाकिस्तानी क्रिकेटर आईपीएल से बाहर
भारतीय क्रिकेट हमेशा से ही विश्व में अपनी शालीनता के लिए जाना-पहचाना जाता है। यहां तक कि पाकिस्तान के खिलाड़ियों को भारत में अच्छा खासा सम्मान मिलता रहा है। इंडियन प्रीमियर लीग में भी पहले पाकिस्तान के खिलाड़ियों को शामिल किया गया था, लेकिन आतंकी गतिविधियों के बाद पाकिस्तानी क्रिकेटरों को आईपीएल से बाहर कर दिया गया।
पाकिस्तान में क्रिकेट टीम के कप्तान रहे इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद आशा थी कि दोनों देशों में संबंध सुधरेंगे, लेकिन वह आशा पूरी नहीं हो रही।
पाकिस्तान क्यों बौखलाया
आखिर पाकिस्तान क्यों इतना बौखलाया हुआ है? आईपीएल भारत के घरेलू मैच है और वे भारत की ही भूमि पर खेले जाते है। इसके विपरीत पाकिस्तान सुपर लीग आईपीएल की नकल पर बना संगठन है।
उसके पास न तो भारत जैसे खिलाड़ी है और न ही वैसे प्रायोजक और तो और वह उन मैचों का प्रसारण करने का अधिकार भी बाहरी देशों को देता है।
ऐसे में अगर भारतीय कंपनी के पास पीएसएल के मैच प्रसारण का अधिकार हो, तो वह किसी ऐसे देश के मैचों का प्रसारण करके भारतीयों की निगाहों से कैसे गिर सकती है, जो देश भारत पर आतंकी हमलों को बढ़ावा देता है।
क्रिकेट की इकॉनॉमी में सट्टेबाजी
क्रिकेट की इकॉनॉमी कई तरह से चलती है। क्रिकेट मैचों में टिकटों की बिक्री, प्रायोजक आदि से तो आय होती ही है, इसके अलावा सट्टेबाजी में भी कई लोग लगे रहते है।
ऐसा कहा जाता है कि क्रिकेट के मैचों में जितना लेन-देन आधिकारिक रूप से होता है, उससे अधिक लेन-देन सट्टे के कारोबार में होता है।
अरबों रूपए का सट्टा इन मैचों में लगता है। अब अंतरर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच वर्षभर तो होते नहीं, इसलिए लीग मैचों की शुरुआत की गई।
भारत में इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर ही पाकिस्तान में पाकिस्तान सुपर लीग, बांग्लादेश ने बांग्लादेश प्रीमियर लीग, अफगानिस्तान ने अफगानिस्तान प्रीमियर लीग, ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश आदि के मैच होते रहते है।
आईपीएल की तर्ज पर भारत के प्रदेशों में कर्नाटक प्रीमियर लीग, तमिलनाडु प्रीमियर लीग आदि के मैच होते रहते है। इस तरह क्रिकेट का विस्तार अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य के स्तर पर हो रहा है। अब 5 दिवसीय मैचों का रोमांच लगभग खत्म हो चला है और वन-डे, टी-20, टी-10 जैसा फटाफट क्रिकेट चलन में है।
पाकिस्तानियों के सट्टे का कारोबार पूरी तरह ठप
ये सब बातें तो पाकिस्तान सुपर लीग के बारे में आधिकारिक है। इसके पीछे असली बात है क्रिकेट का सट्टा। भारतीय कंपनी द्वारा पाकिस्तान सुपर लीग का प्रसारण रोकने से पाकिस्तानियों के सट्टे का कारोबार पूरी तरह ठप हो गया था।
भारत में क्रिकेट पर सट्टे पर पाबंदी है, लेकिन दुनिया के कई देश है, जहां इस तरह की बेटिंग आम है। वहां की सरकारें इससे टैक्स के रूप में काफी कमाई भी करती है। भारत में भी क्रिकेट के सट्टे को कानूनी रूप देने के हिमायती बहुत सारे है।
आईपीएल का आनंद भारतीय लोग रोमांच के रूप में लेते है, लेकिन दुनियाभर के सटोरियों की निगाह में यह उनकी कमाई का सीजन होता है।
क्रिकेट और अन्य खेलों के सट्टे को कानूनी जामा पहनाने वाले देशों में अनेक वेबसाइट्स है, जो ऑनलाइन सट्टा खाने और लगाने का काम भी करती है। इन्हीं में से एक वेबसाइट है बेटफेयर.कॉम।
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