मल्हार मीडिया ब्यूरो।
देश का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2017-18 के प्रथम सात महीनों में ही पूरे साल के बजटीय लक्ष्य का 96.1 फीसदी तक पहुंच चुका है, जो 5.25 लाख करोड़ रुपये है। जबकि पूरे वर्ष का लक्ष्य 5.46 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वर्ष की समान अवधि में राजकोषीय घाटा कुल लक्ष्य का 79.3 फीसदी था।
सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन अवधि में कर से प्राप्त राजस्व 6.33 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि अनुमान का 51.6 फीसदी है।
वित्त वर्ष के प्रथम सात महीनों के दौरान राजस्व और गैर-ऋण पूंजी से सरकार को कुल 7.67 लाख करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई, जो कि वर्तमान वित्त वर्ष के अनुमान का 48 फीसदी है।
आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में कुल राजस्व और पूंजी पर खर्च 12.92 लाख करोड़ रुपये या पूरे वित्त वर्ष के लिए बजटीय लक्ष्य का 60.2 फीसदी रहा।
वित्त वर्ष 2017-18 के लिए कुल 5.46 लाख करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे (राजस्व और खर्च के बीच का अंतर) का अनुमान लगाया गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 5.34 लाख करोड़ रुपये था।
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