मल्हार मीडिया ब्यूरो।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को सिंगापुर के व्यापारियों से देश में निवेश का आग्रह किया और बताया कि भारत सबसे ज्यादा एफडीआई प्राप्त करने वाले देशों में से एक है तथा सरकार ने कई प्रमुख संरचनात्मक सुधार किए हैं, जिसमें आधार, जीएसटी और नोटबंदी प्रमुख है।
जेटली ने यहां बुधवार को निवेशकों के साथ एक गोलमेज बैठक में कहा, "भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए सबसे अनुकूल और आकर्षक गंतव्य बन गया है।"
वे यहां दो दिवसीय यात्रा पर आए हैं। इस गोलमेज बैठक का आयोजन वित्त मंत्रालय और सिंगापुर के उच्चायोग ने संयुक्त रूप से किया था।
जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए, "वर्तमान सरकार ने एक के बाद एक कई आर्थिक सुधार किए हैं, जिसमें जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू करना, दिवालिया और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) लागू करना और सरकारी बैंकों (पीएसबी) के पुनर्पूजीकरण का पैकेज लाना प्रमुख है।"
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "वित्त मंत्री ने प्रमुख कदमों के बारे में जानकारी दी जिसमें नोटबंदी के द्वारा काले धन के खिलाफ कार्रवाई और एफडीआई नीति में बदलाव प्रमुख है।"
उन्होंने भारत के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के विश्व बैंक के सूचकांक में 2014 के 146 वें पायदान से बढ़कर इस साल अक्टूबर में 100वें स्थान पर पहुंच जाने का उल्लेख किया।
इससे पहले सिंगापुर फिनटेक समारोह में अपने मुख्य भाषण में जेटली ने कहा कि 'तीन प्रमुख संरचनात्मक सुधारों से प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता आई है तथा नकदी वाली अर्थव्यवस्था से कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था में तथा अनौपचारिक से औपचारिक अर्थव्यवस्था में संक्रमण में मदद मिली है।'
वित्त मंत्री ने बाद में यहां सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री थर्मन शंमुगरत्नम से मुलाकात की और दोनों देशों के आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की।
उन्होंने इसके अलावा सिंगापुर के अपने समकक्ष हेंग स्वी कीट से मुलाकात की और परस्पर द्विपक्षीय निवेश बढ़ाने के साथ-साथ भारत सरकार द्वारा किए गए महत्वपूर्ण सुधारों पर चर्चा की।
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