राकेश अचल
नयी खबर है कि संचार मंत्रालय अब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के डाक टिकिट नहीं छापेगा। इसे कहते हैं ओम नमो,स्वाहा। राजनीति प्रतिस्पर्धा का नाम रहे तो ठीक लेकिन राजनीति नफरत में बदल जाये तो भयंकर है। नमो पहले इंदिरा गांधी की समाधि पर नहीं गए,फिर राजीव की समाधि को भी उन्होंने नहीं झांका।
सरकार की नजर नेहरू स्मारक पर है ही और अब डाक टिकिटों का भी समापन..बेहतर हो की अब उन सब लोगों की समाधियाँ भी खुदवा कर वहां हाट-बाजार लगवा दिए जाएँ।
आखिर हम नया इतिहास लिख रहे हैं या पुराने को नेस्तनाबूद कर रहे हैं? देश की आजादी का इतिहास 1947 से ही शुरू होता है,मई 2014 से नहीं साहब।
राकेश अचल के फेसबुक वॉल से
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