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जनता परिवार: सवाल एडजस्टमेंट का और चुनौतियां

खरी-खरी            Apr 16, 2015


कुंवर समीर शाही दिल्ली में सपा प्रमुख मुलायम की अगुवाई में बने ‘जनता परिवार’ को यूपी में कई चुनौतियों से जूझना पड़ेगा। अब तक परिवार के झंडे, सिंबल और नाम पर कोई बात तय नहीं हुई है। यूपी में सबसे ज्यादा घमासान इसी बात को लेकर है कि पार्टी का सिंबल क्या होगा ! परिवार के सामने दूसरी चुनौती यूपी में पहले से छोटे आकार में मौजूद जनता दल (यू) और आरजेडी के नेताओं को लेकर है, क्या सपा सरकार और संगठन में इन्हें एडजस्ट किया जा सकेगा? एक साथ कई सवाल जनता परिवार एक ऐतिहासिक फैसला है जिसका जनता भी स्वागत करेगी। बीजेपी को रोकने के लिए यह जरूरी था। हालांकि अब उन्हें भी एडजस्ट करने को लेकर चर्चा होने लगी है। यूपी में आरजेडी के नेता और लालू के करीबी समझे जाने वाले अशोक सिंह का नाम भी सरकार और संगठन में ‘एडजस्ट’ किए जाने को लेकर चर्चा हो रही है। इससे सपा के नेताओं में बेचैनी है। हालांकि समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि यह सब कोरी कयासबाजी है। कहीं पार्टी के भीतर कोई दिक्कत नहीं है। सपा प्रमुख मुलायम खुद यूपी में इसे बैठकर तय करेंगे। सरकार और संगठन में बदलाव की सुगबुुगाहट समाजवादी पार्टी के मंत्रियों और सीनियर नेताओं में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं जनता दल (यू) और आरजेडी के यूपी के नेता सरकार और संगठन में दावेदारी न करने लगे। जनता दल(यू) के नेताओं ने यूपी में जनता परिवार के गठन के बाद काफी उत्साह से जश्न भी मनाया। सपा में सब ठीक नहीं है समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच इस बात पर ज्यादा जोर है कि अगर उनका साइकल निशान छिन गया तो वह जनता के बीच वोट कैसे मांगेगे/ एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पार्टी का नया सिंबल गांव-गांव तक पहुंचाने में काफी वक्त लग जाएग़ा और आने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी जहां मजबूती से सामने खड़ी हो रही है, वहीं इसका विपरीत असर पड़ेगा। वहीं इस मीटिंग में सपा के महासचिव प्रफेसर रामगोपाल को तवज्जो न मिलने और यूपी से शिवपाल यादव को आगे किए जाने को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। चर्चा है कि राज्यसभा में जनता परिवार के नेता बदले जा सकते हैं। शरद यादव को राज्यसभा में आगे किए जाने की भी बात हो रही है। इसे लेकर प्रफेसर के समर्थकों में नाराजगी है। इसका असर यूपी में परिवार के गठन पर पड़ेगा। हालांकि कुछ नेता यह भी कह रहे हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे ही इस परिवार का भविष्य तय करेंगे। यह सारी कवायद बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर ही हो रही! प्रदेश में राज्यसभा से भी होंगे कई दावेदार यूपी में इसके अलावा दिक्कत 2016 में होने वाले राज्यसभा चुनावों को लेकर भी है। सपा के अलावा दूसरे दलों के नेता इस चुनाव में दावेदारी करने में लग गए हैं। इसे लेकर तैयारी कर रहे सपा नेताओं के बीच अब यह चर्चा हो रही है कि लालू यादव अपनी पत्नी राबड़ी देवी और जेडी(यू) के महासचिव केसी त्यागी की राज्यसभा को लेकर यूपी से दावेदारी करेंगे।


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