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जानिये क्यों मिली आईपीएस अमिताभ ठाकुर को मुलायम की धमकी

खरी-खरी            Jul 11, 2015


हिमांशु द्विवेदी ईमानदार आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकी से संबंधित ऑडियो टेप में ‪‎मुलायम‬ 'जसराना वाली रामवीर की पार्टी' का जिक्र करके कह रहे हैं कि "क्या वो भूल गए?" और अंत में कहते हैं कि अबकी बार उससे ज्यादा हो जाएगा! क्या है ये 'जसराना वाली रामवीर की पार्टी'? दरअसल ये जिक्र था एक घटना का जब समाजवादी पार्टी की पिछली से पिछली सरकार के समय श्री अमिताभ ठाकुर फीरोजाबाद जिले में पुलिस कप्तान के रूप में तैनात थे! तब सीएम मुलायम सिंह यादव हुआ करते थे. ‎फीरोजाबाद‬, इटावा, मैनपुरी यादव बेल्ट होने के कारण मुलायम परिवार का राजनीतिक गढ़ रही है और स्वाभाविक सी बात है कि इनकी दबंगई और गुंडागर्दी का केंद्र भी! फिरोजाबाद जिले में चार विधानसभाएं हैं. उनमे से दो हैं- जसराना और शिकोहाबाद. दोनों यादव बाहुल्य! दोनों पर मुलायम के समधियों क्रमशः रामवीर यादव और हरिओम यादव का कब्ज़ा था (और अभी भी है)! दोनों बाहुबली विधायकों का मुख्य काम जमीनों पर कब्जा रहा है और दिलचस्प बात ये है कि दोनों की आपस में गैंगवार जैसी तनातनी रही है! कई बार क्षेत्र की जनता ने दोनों के गुर्गों को खुलेआम सड़कों पर फ़िल्मी स्टाइल में फायरिंग करके लड़ते देखा है! दोनोँ के बीच में सुलह कराने की मुलायम की सारी कोशिशें असफल रहीं और इसका खामियाज़ा 2007 के विधानसभा चुनावों में भुगतना पड़ा और पहली बार ये सीटें पार्टी के हाथ से निकलीं! उसके बाद जिले में हुयी हर सभा / रैली में मुलायम ने अपना दर्द सार्वजनिक रूप से जाहिर किया, दोनों को समझाते हुए कि सुधर जाओ! तो उस समय ये नयी ऊर्जा से भरा ईमानदार, तन से दुबला पर मन से तगड़ा आईपीएस जिले में पुलिस कप्तान तैनात हुआ और जिले के लोगों ने अपराध में अप्रत्याशित गिरावट देखी, वो भी सपा शासन में! ये दबंग अफसर खुद ग्राउंड पर मोर्चा संभालता था और परिणामस्वरूप महकमे के सिपाही तक का मनोबल बढ़ गया! ऐसे ही किसी मामले में रामवीर यादव का दखल आया, जिसे इस अफसर ने विनम्रता के साथ नकार दिया! सीधी रीढ़ की हड्डी विधायक को कैसे बर्दाश्त होती, खासकर की जब वो प्रदेश के मुखिया के रिश्तेदार थे! जनता के बीच ये मामला चर्चा का विषय बन गया और सब इंतज़ार करने लगे कि देखते हैं अब क्या होगा! फिर जसराना के एक थाने में पुलिस कप्तान और ‪‎विधायक‬ की सीधी भिड़ंत और हाथापाई हुयी! उसके बाद असल में क्या हुआ, वो ये दोनों ही जानते हैं पर जनता का एक हिस्सा कह रहा था कि विधायक को कूटा गया और दूसरे ने कहा की कप्तान के साथ पिटाई हुयी! बहरहाल जो भी हुआ, मामला लोकल ‪मीडिया‬ में छाया! हालांकि आशंका सभी को थी कि कप्तान का तबादला निश्चित है पर अमिताभ ठाकुर को व्यापक जनसमर्थन के कारण लोगों को उम्मीद थी कि शायद मुलायम ये कदम न उठायें! आख़िरकार अमिताभ का तबादला कर दिया गया! जिले के इतिहास में पहली बार जनता किसी अफसर के तबादले के विरोध में सड़कों पर उतरी पर जनता की आवाज को इस तथाकथित समाजवादी ने बिलकुल अनसुना कर दिया! सरकार बदली और फिर से बदल कर सपा की आ गयी पर अमिताभ हर सरकार के नुमाइंदों और विभाग के आला अफसरों की किरकिरी बने रहे! अधिकतर समय इन्हे फील्ड की पोस्टिंग से दूर रखा गया पर ये अपनी पत्नी के साथ निजी स्तर पर समाज और न्याय के लिए संघर्ष करते रहे! उसी कड़ी में उनका कोई कदम फिर से मुलायम के किसी खासमखास के गले की फांस बनने लगा तो खुद मुलायम धमकी देने लगे कि सुधर जाओ! एक बात तो साफ़ है ‪‎IAS‬ / ‎IPS‬ लॉबी केवल ‎भ्रष्ट‬ और हरामखोर अफसरों का जमावड़ा है जो कि अरविन्द ‎केजरीवाल‬ द्वारा कुछ अफसरों की बदली करने पर तो रात में आपातकाल बैठक और प्रेस वार्ता करती है पर खेमका, चतुर्वेदी और ठाकुर जैसे अफसरों के मामले में मुंह में दही जमा लेती है! एक अफसर को एक नेता सड़कछाप गुंडों की स्टाइल में धमकी दे रहा है और लॉबी चुप है! साभार भडास4मीडिया


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