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जेटली का सियासी निवेश!

खरी-खरी            Mar 01, 2015


कुवर समीर शाही मोदी सरकार के पहले पूर्ण बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राजनीति के हिसाब से संतुलन बनाने की कोशिश की। खासकर उन राज्यों में, जहां आने वाले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। अरुण जेटली ने घोषणा की कि बिहार और पश्चिम बंगाल को विशेष सहायता मिलेगी। हालांकि यह सहायता किस रूप में और कितनी मिलेगी, इसका कोई ब्यौरा बजट में नहीं दिया गया, लेकिन घोषणा की गई है कि यह आंध्र को दी गई सहायता की तर्ज पर होगी। बिहार में सत्ता पाने की कोशिश : आंध्र प्रदेश को तेलंगाना से अलग होने के बाद केंद्र सरकार ने विशेष पैकेज दिया था। माना जा रहा है कि दोनों राज्यों को विशेष सहायता देने की घोषणा जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर की गई है। बिहार में इस साल अक्टूबर में, जबकि पश्चिम बंगाल में अगले साल मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। दोनों राज्यों में बीजेपी सत्ता में आने का हरसभंव प्रयास कर रही है। बिहार में एक और एम्स : बिहार को एक और एम्स का तोहफा बजट में मिला। एक एम्स पटना में पहले से ही मौजूद है। बिहार में राज्य को स्पेशल स्टेटस देने का दर्जा और खराब हेल्थ सिस्टम हमेशा बड़े राजनीतिक मुद्दे रहे हैं। बजट में दोनों मुद्दों को छूने की कोशिश की गई है। रेल बजट में भी बिहार को कुछ नहीं मिला था। ऐसे में इस बार बजट में जेटली ने बिहार को तरजीह देने की कोशिश की। इसी तरह पश्चिम बंगाल में भी स्पेशल स्टेटस के मुद्दे पर पार्टी ममता बनर्जी के खिलाफ राजनीतिक लडाई लड़ सकती है। जेटली ने निकाली आंदोलन की काट : दरअसल पिछले दिनों नीतीश कुमार और ममता बनर्जी ने पिछड़े राज्यों को स्पेशल स्टेटस देने के नाम पर पूर्वोत्तर राज्यों को एक कर साथ आंदोलन चलाने की घोषणा की थी। नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के नेता एकजुट दिखाई दिए थे। ऐसे में इसे काउंटर करने के लिए ही अरुण जेटली ने बजट भाषण में कई बार पूर्व और पूर्वोत्तर के राज्यों के विकास का जिक्र किया। अगले साल आएगा यूपी का नंबर: इस साल उत्तर प्रदेश के लिए कोई बड़ी बिग-बैंग घोषणा नहीं की गई। जानकारों के अनुसार चूंकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2017 में होने हैं। ऐसे में मोदी सरकार के पास अगले साल प्रदेश के लिए लोक-लुभावन योजना की घोषणा करने का मौका हाथ में रहेगा। बिहार और उत्तर प्रदेश बीजेपी के लिए इसलिए अहम है क्योंकि पार्टी के 282 सांसदों में 100 से ज्यादा इन्हीं 2 राज्यों से हैं।


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