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पन्ना हादसा:राख हुये लोगों का असली गुनाहगार?

खरी-खरी            May 05, 2015


ममता यादव पन्ना बस हादसे में मारे गये लोगों के सिर्फ कंकाल ही मिले हैं। इतने सारे लोग बस मालिकों के थोड़े से मुनाफे के लालच के कारण राख में तब्दील हो गये और कुछ घायल होकर अस्पताल में पड़े हैं। इनमें बस का ड्राइवर भी शामिल है। मीडिया को और स्थानीय कलेक्टर को दिये हुये बयानों में बस ड्राइवर और घायल यात्रियों ने बार-बार यह बताया है कि बस अनफिट तो थी ही उसमें इमरजेंसी डोर भी नहीं था। बावजूद इसके बस मालिक ज्ञानेंद्र पांडे लगातार यह कह रहा है कि बस अनफिट नहीं थी उसमें इमरजेंसी डोर भी था। पांडे ने यह भी कहा कि ड्राइवर झूठ बोल रहा है। तो क्या सारी सवारियां भी झूठ बोल रही हैं? ड्राइवर ने यह भी बताया कि अनुपम बस ट्रेवल्स के संचालक ज्ञानेंद्र पांडे ने बस का फिटनेस सर्टिफिकेट अधिकारियों को पैसे देकर बनवाया था जबकि बस अनफिट थी। ज्ञानेंद्र पाडे भारतीय जनता पार्टी के नेता और नागोद मंडल के अध्यक्ष है। देखा जाये तो पन्ना हादसे में राख हो गये लोगों का असली गुनाहगार बस संचालक है,इतनी मौतों के बाद भी जिसका जमीर और इंसानियत जाग नहीं रहे हैं। भाजपा के इस नेता ने थोड़े से पैसे के लालच में रिश्वत देकर फिटनेस सर्टिफिकेट तो ले लिया लेकिन इतने लोगों की जिंदगी से खेल गया। हैरानी इस बात की होती है कि मध्यप्रदेश सरकार ने मृतकों और घायलों के लिये मुआवजे की घोषणा तो कर दी लेकिन बस मालिक के खिलाफ अभी तक किसी कठोर कार्रवाई का कोई संकेत नहीं दिया है। कलेक्टर ने भी कह दिया है कि जांच करवायेंगे। बेशर्मी इस मामले में यह है कि बस संचालक के मुंह से अफसोस जैसा कोई शब्द सुनने को नहीं मिला उलटे घायल ड्राइवर और यात्रियों को झूठा बोल रहा है। जबकि मीडिया की टीमों ने खुद जाकर देखा बस की वास्तव में क्या स्थिति है। इस हादसे में मरने वालों के परिवार का दुख इसलिये भी ज्यादा बड़ा है क्योंकि उन्हें अपने मृत परिजनों के शव तक नहीं मिल पाये पहले राख हो चुके ढांचों की फॉरेंसिक जांच होगी तब कहीं जाकर शव परिवारों को सौंपे जायेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नेपाल भूकंप पीढि़तों के लिये तो प्रदेशव्यापी मौन धारणकर श्रद्धांजली अर्पित कर दी। पन्ना हादसे में भी लोग मरे हैं ये शायद वे भूले नहीं होंगे।


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