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बढ़ती बदजुबानियों पर क्या दिखावटी है ये मनाही?

खरी-खरी            Nov 05, 2015


jayshankar-prasadजयशंकर गुप्त भाजपा के आधिकारिक रूप से मना करने के बावजूद इसके बदजुबान नेताओं के जहरीले बयान रुक नहीं रहे। या तो इन नेताओं पर इनके आलाकमान का असर नहीं या फिर भाजपा की यह मनाही ऊपरी और दिखावटी है। अगर प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह वाकई इस तरह के समाज में असहिष्णुता को बढावा देनेवाले जहरीले और वाहियात बयानों के विरुद्ध गंभीर हैं तो उन्हें इन बदजुबान नेताओं की जबान पर लगाम के लिए उनके विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए अन्यथा यही समझा जाएगा कि यह सब सुनियोजित है। लेकिन उन्हें इसकी राजनीतिक कीमत चुकानी पड सकती है। वैसे भी अगर भाजपा, इसकी सरकार, संघ परिवार और उनकी नीतियों, वक्तव्यों का विरोध करनेवालों को देश द्रोही और पाकिस्तानी एजेंट कहा जाएगा तो इस तथ्य को नहीं भूलना चाहिए कि लोकसभा चुनाव में तथाकथित मोदी लहर के बावजूद भाजपा को केवल एक तिहाई या उससे भी कम मत ही मिले थे। तो क्या उनके विरुद्ध मत देनेवाले भारतीय देश द्रोही और पाकिस्तान समर्थक कहे जाएंगे। उम्मीद है कि भाजपा दिल्ली के बाद बिहार विधानसभा के चुनावी नतीजों का ईमानदार विश्लेषण कर आत्मचिंतन भी करेंगे। लेखक देशबंधु में कार्यकारी संपादक हैं यह लेख उनके फेसबुक वॉल से लिया गया है।


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