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भगवान के दरबार में सब बराबर फिर व्हीआईपी एंट्री क्यों?

खरी-खरी            Aug 11, 2015


sriprakash-dixit श्रीप्रकाश दीक्षित कहते हैं भगवान के दरबार में सब एक हैं लेकिन भारत में एक अलग परंपरा भी चलती है सभी बडे मंदिरों में व्हीआईपी एंट्री के लिये अलग से प्रवेश द्वार होना। व्हीआईपी के कारण मंदिरों में आम आदमी के लिये भगवान के दर्शन मुहाल हो जाते हैं। आलम यह होता है कि व्हीआईपीज के मंदिर में होने के दौरान ऐसे पहरे बिठाये जाते हैं जैसे आम आदमी उन्हें नुकसान पहुंचा देगा। सवाल यह है कि जनता द्वारा चुने गये प्रतिनिधियों को भगवान के दरबार में जनता से भय कैसा? ये वही जनप्रतिनिधि होते हैं जो चुनावों के समय इसी जनता के द्वार पर जाकर उसके वोट के लिये उसके पैर तक छूने से गुरेज नहीं करते। यह हम नहीं कह रहे, आज यानि 11अगस्त के दैनिक भास्कर में छपी खबर कह रही है। उज्जैन के महाकाल मंदिर में भस्मारती के समय की बदइंतजामी और गर्भगृह से नंदीहाल तक भाजपा के नेताओं के कब्जे पर अखबार ने फोटो सहित बड़ी खबर छापी है। इसी से जुड़ी छोटी खबर का शीर्षक है-सीएम की पत्नी की गाड़ी प्रवचन हाल के अंदर तक गई..! खबर बताती है कि शिवराजसिंह चौहान की पत्नी साधनासिंह ने सोमवार को अपनी सहेलियों और महिला रिश्तेदारों के संग महाकाल मंदिर के दर्शन किए। उनकी गाड़ी प्रवचन हाल के गेट के अंदर तक लाई गई। गर्भगृह में प्रवेश वर्जित के दौरान उन्होंने अंदर से दर्शन किए। इसके बाद वे प्रांगण के जिन—जिन मंदिरों में गईं वहाँ अधिकारियों ने आम लोगों को जाने से रोका। यह भी छपा है कि मंदिर से रवानगी से पहले उन्होने वहाँ की धर्मशाला में कुछ देर आराम किया और नाश्ते के लिए फल मँगवाए। मंदिर की सहाएक प्रशासक प्रीति चौहान पूरे समय उनके साथ रहीं और व्यवस्थाएं कीं।मुख्यमंत्री की पत्नी के नाते कम से कम मंदिर में वे आम श्रद्धालु के जैसे जातीं और दर्शन करतीं तो उनका ही मान-सम्मान बढ़ता और अन्य वीआईपी को सबक और प्रेरणा दोनों मिलते । बताते चलें की महाकाल मंदिर में वीआईपी दर्शन और पूजा के चलते बड़े हादसे हो चुके हैं। बरसों पहले उज्जैन मे नए आए कमिश्नर की पूजा के कारण दसियों लोग मारे गए थे। शिवराजसिंह चौहान शायद पहले मुख्यमंत्री हैं जिनकी पत्नी चर्चाओं और विवादों के कारण सुर्खियों मे बनी रहती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वियजयसिंह व्यापमं को लेकर शिवराजसिंह चौहान के साथ साधना सिंह पर भी हमला बोल चुके हैं। देश का बड़ा अखबार हिंदुस्तान टाइम्स उन पर विशेष रिपोर्ट छाप चुका है जिसका शीर्षक ही था – क्वीन ऑफ कंट्रोवर्सी (विवादों कि मालिका)


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