श्रीप्रकाश दीक्षित
भारत सरकार और प्रदेश सरकारों के टूरिस्ट विभागों द्वारा संचालित होटल और भारत सरकार की विमान सेवा एयर इंडिया के जबर्दस्त घाटे में चलने का राज सब जानते हैं। मंत्रियों, सांसदों उनके चहेतों और नौकरशाहों की मुफ्तखोरी की आदत ही इसके लिए जिम्मेदार है। इसीलिए सरकारें भारी घाटा उठा कर भी इन्हे बंद नहीं करती है और अनुदान की खुराक देकर चलाए जा रही है ..!
इस मुफ्तखोरी की ताईद करते हुए इंडियन एक्सप्रेस ने कथित जनप्रतिनिधि सांसदों की अय्याशी का खुलासा किया है। अखबार ने इसके लिए सूचना के अधिकार के तहत जानकारी हासिल की जिसके मुताबिक सरकारी आवास आवंटित होने के बाद भी 27 सांसद पाँच सितारा अशोक होटल मे डेरा जमाए रहे। इनमे मध्यप्रदेश के तीन लोकसभा सदस्य सीधी की रीती
पाठक, देवास के मनोहर ऊंटवाल और मंडला के दलपत सिंह कुलस्ते भी हैं।
लोकसभा सचिवालय ने 16 मई ,2014 से 31 मई,2015 की अवधि मे 120 सांसदों के इस पाँच सितारा होटल मे रुकने पर 24 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है।सचिवालय ने आवास मिल जाने पर भी होटल मे जबरिया रुकने वालों के पाँच करोड़ 69 लाख के बिल रोक लिए हैं।
सचिवालय सूत्रों का कहना है की इन सांसदों ने होटल तब ही खाली किया जब आवास समिति के चेयरमेन अर्जुन राम मेघवाल ने उन्हे दो-दो पत्र भेजे। मजे की बात यह की जबरिया रुकने वालों मे केंद्रीय पर्यटन विभाग के राज्यमंत्री महेश शर्मा का भी नाम है पर उनके प्रवक्ता के मुताबिक मंत्री जी एक दिन भी होटल मे नहीं रुके। उनके बजाय उनका स्टाफ पाँच सितारा होटल के मजे लेता रहा..?
जबरिया रुकने वालों में पूर्व आर्मी चीफ़ वीके सिंह, कलराज मिश्र, बाबुल सुप्रियो, मनोज तिवारी और अनुप्रिया पटेल जैसे हाई प्रोफ़ाइल नाम भी शामिल हैं। एक और मजे की बात यह की ट्रांसिट आवास की सुविधा का लाभ लेने वालों मे दिल्ली और एनसीआर के सांसद वीके सिंह, मनोज तिवारी, महेश शर्मा, प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, उदित राज और महेश गिरि भी शामिल हैं। नियम उन्हें इसकी अनुमति देता है पर पर माना जाता है की अपने इलाके मे तो उनके पास आवास होगा ही ..!
श्रीप्रकाश दीक्षित के फेसबुक वॉल से
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