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विदेश मंत्री भूल गईं बिना काँग्रेस प्रत्याशी के लड़ा था विदिशा से चुनाव..!

खरी-खरी            Aug 16, 2015


श्रीप्रकाश दीक्षित विदेश मंत्री और मध्यप्रदेश के विदिशा से सांसद सुषमा स्वराज दो दिन पहले लोकसभा में अपना और परिवार का बचाव करते हुए गरजीं ​कि वे 38 बरस से राजनीति में हैं और इस दौरान उन पर एक भी दाग नहीं लगा है। उन्होंने फरमाया कि उनकी बेटी ललित मोदी का केस लड़ने वाली टीम में नौवीं सहायक थी और नौवीं सहायक को भला कोई वेतन देता है..? ऐसा बेजान तर्क देकर वे किसे बना रहीं थीं..? सुषमा स्वराज की बेटी चाहे पहली सहायिका हो या फिर नौवीं उसे वेतन मिले या ना मिले इससे क्या फर्क पड़ता है ..! ऐसी वीवीआईपी शख्सियत को कई बहानों से लाभ पहुंचाया जाता है। इसी से जुड़े सवाल पर वे चुप्पी साध गईं की उनके परिवार और वकील पति स्वराज कौशल को केस लड़ने के एवज मे ललित मोदी से कितना पैसा मिला ..? वे इसका भी उत्तर नहीं दे पाईं कि बिना अपने मंत्रालय और ब्रिटेन मे भारत के उच्चायुक्त को बताए उन्होने इतने बदनाम शख्स की मदद गुपचुप क्यों की ..? यह जानना दिलचस्प होगा की सुषमा स्वराज ने छह साल पहले जब विदिशा से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था तब क्या हुआ था..! सौ फीसदी विजय वाली इस सीट से सुषमाजी को वॉकओवर दिलाने के लिए प्रदेश भाजपा के अति उत्साही नेत्रत्व ने तब जोड़तोड़ करते हुए काँग्रेस के प्रत्याशी को ही मैदान से बाहर करा दिया गया था। जिसे किंकर्तव्यविमूढ़ काँग्रेस ने अपने प्रत्याशी को पार्टी से निकाल दिया था । इसके बावजूद 38 बरस के राजनैतिक कैरियर में बेदाग शुचिता के उनके दावे पर कौन यकीन करेगा..?


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