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व्यापमं हो गया प्रोएबो:घोटालों के केंद्र में क्या मुआ यह मनहूस नाम ही था ?

खरी-खरी            Sep 06, 2015


श्रीप्रकाश दीक्षित व्यापमं उर्फ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल को बदनामियों से बचाने के लिए डेमेज कंट्रोल का क्या नायाब तरीका खोजा है मध्यप्रदेश सरकार ने..! उसने हिन्दी के इस नाम से ही पिंड छुड़ा लिया और अब केवल अंगरेजी का प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड नाम रह गया है। इसके जो विज्ञापन जारी हो रहे हैं उनमें यह नाम देवनागरी लिपि में लिखा जा रहा है। यह निर्णय ऐसे समय लिया गया है जब भोपाल का पूरा सरकारी तंत्र विश्व हिन्दी सम्मेलन के खुमार मे डूबा है। हिन्दी के नाम पर पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। खुद मुख्यमंत्री निजी कारोबारियों तक से हिन्दी के बोर्ड और नामपट्ट लिखवाने का अनुरोध कर रहे हैं। तब हिन्दी के साथ ऐसा सौतेला बर्ताव करने में सरकार को जरा भी शर्म नहीं आई..! यह सवाल भी पूछा जाना चाहिए की घोटालों के केंद्र में क्या मुआ यह मनहूस नाम ही था..? इसे बदल देने से क्या व्यापमं में घोटालों का पाप और शोर थम जाएगा..? यह एक प्रकार से अंधविश्वास को बढ़ावा देना ही है जो खुद सरकार कर रही है..! श्रीप्रकाश दीक्षित के फेसबुक वॉल से


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