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व्यापम के दो पूर्व चेयरमेनों का पुनर्वास शक के घेरे मे ..!

खरी-खरी            Jul 23, 2015


श्रीप्रकाश दीक्षित सूचना के अधिकार से मिली एक जांनकारी से खुलासा हुआ है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने बदनाम व्यापम के एक मुखिया मलय राय को राज्य वित्त आयोग का सदस्य बनाने मे अनावश्यक जल्दबाज़ी दिखाई थी। विदेश से फोन पर मुख्यमंत्री ने उनकी नियुक्ति का आदेश दिया था। उधर जबलपुर हाईकोर्ट ने व्यापम के एक अन्य मुखिया देवराज बिरदी को विद्युत नियामक आयोग के चेयरमेन पद से हटाए जाने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर सरकार और बिरदी को नोटिस जारी किया है। याचिका के मुताबिक आयोग मे बिरदी का पुनर्वास नियम के खिलाफ है। हिंदुस्तान टाइम्स मे आसुतोष शुक्ल की पहले पेज पर छपी पहली प्रमुख खबर के मुताबिक विख्यात आरटीआई सिपहसालार अजय दुबे को सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी बताती है कि साउथ अफ्रीका के दौरे पर गए मुख्यमंत्री ने फोन पर मलय राय को वित्त आयोग का सदस्य बनाने के आदेश दिए थे। वे वहाँ कारोबारियों और उढ्योगपतियों को मध्यप्रदेश मे होने वाले समिट मे भाग लेने के लिए आमंत्रित करने गए थे। मलय राय का पुनर्वास तब किया गया जब वे व्यापम घोटाले मे शक के दायरे मे आ चुके थे। बाद मे मुख्यमंत्री ने लौटेने पर मलय राय की नियुक्ति आदेश पर साईन किए थे। अखबार अनुसार उसके पास दस्तावेज़ मौजूद हैं। हिंदुस्तान टाइम्स मे ही छपी एक अन्य खबर के मुताबिक विद्युत नियामक आयोग मे बिरदी की नियुक्ति के खिलाफ जनहित याचिका एक एनजीओ नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के दायर की है। इसके मुताबिक बिरदी की नियुक्ति इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के खिलाफ है। एक्ट ऐसे व्यक्ति की नियुक्ति को रोकता है जिसके वित्तीय हित आयोग मे उसके कामकाज मे आड़े आते हों। याचक की वकील अंजलि बनर्जी ने तर्क दिया कि बिरदी व्यापम के चेयरमेन रह चुके थे और उन्हे व्यापम मे भर्ती और प्रवेश के घोटाले की जानकारी थी। सरकार ने उन्हे खामोश रखने के लिए ही रिटायर होने पर यह नियुक्ति दी है। श्रीप्रकाश दीक्षित के फेसबुक वॉल से


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