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साफ पेयजल के लिए अदालत पहुंचे न्यायाधीश ...?

खरी-खरी            Jun 05, 2015


श्रीप्रकाश दीक्षित और यह अजूबा भारत जैसे अभागे मुल्क मे ही हो सकता है, जहां पानी और बिजली जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए भी लोगों को कैसी जद्दोजहद करनी पड़ती है। जब न्यायाधीशों को पेयजल के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे हैं तो आदमी और गरीब की बिसात ही क्या है..!यह वाकया देश के सबसे रईस सूबे पंजाब के गुरदासपुर का है। वहाँ की जिला अदालत के चार जजों को अपने सरकारी मकानों मे साफ पानी की सप्लाई के लिए लोक अदालत की शरण लेनी पड़ी है। शिकायत दर्ज करने वालों मे सिविल जज-सह-एडिशनल चीफ़ जुड़ीशियल मजिस्ट्रेट मदन लाल, मोहित बंसल, रविपालसिंह और मनप्रीत कौर शामिल हैं। इन सभी की पीड़ा है की उनके मकानो मे पानी की सप्लाई कभी-कभार ही होती है और वह भी गंदा होता है। इनका यह आरोप भी है कि इस प्रकार की शिकायत उस इलाके मे रह रहे जिला-सत्र न्यायाधीश सहित अन्य लोग भी कर चुके हैं पर पर यह भैंस के आगे बीन बजाने जैसा ही साबित हुआ है। जजों का यह कहना है की इससे उनका काम भी प्रभावित हो रहा है। उधर गुरदासपुर के सिविल सर्जन ने पेयजल और सेनेटरी के ईई को पत्र लिख कर सूचित किया है की शिकायतकर्ता जजों सहित कुल छह जजों के घरों से लिए गए पानी के नमूनो को जांच मे पीने लायक नहीं पाया गया है। ईई ने स्वीकार किया है की जजों के मकानों मे पानी सप्लाई की दिक्कत है और गर्मियों मे कभी-कभी मटमैला पानी भी आता है। यहाँ देश के सबसे बड़े सूबे यूपी का जिक्र जरूरी है जो आधा दर्जन से अधिक प्रधानमंत्री दे चुका है।इस अभागे प्रदेश की जनता दशकों से बिजली कटौती का दंश झेल रही है, चाहे गर्मी हो या सर्दी बिजली हमेशा गायब रहती है।चंद्रभानु गुप्त,कमलापति त्रिपाठी,नारायणदत्त तिवारी,वीपी सिंह,मायावती और मुलायम सिंह जैसे कद्दावर मुख्यमंत्रियों के बावजूद यह हालत है। ये सभी राजनीति के शेर रहे हों पर प्रशासक के बतौर निकम्मे ही साबित हुए हैं।यूपी मे बिजली के खस्ता हाल का अंदाज इसी से लगता है कि एक बार लोकसभा मे सोनिया गांधी रायबरेली मे नियमित बिजली सप्लाई के लिए मुलायम जी की चिरौरी करती देखी जा चुकी हैं।


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